राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे सीएम नीतीश, विश्वविद्यालय में कुलपति नियुक्ति को लेकर हुई चर्चा

पटना। बिहार की राजधानी पटना में गुरुवार की सुबह एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और प्रशासनिक गतिविधि देखने को मिली, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजभवन पहुंचे और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात की। यह मुलाकात तकरीबन 15 मिनट तक चली, जिसमें दोनों के बीच राज्य के विश्वविद्यालयों की स्थिति और उसमें सुधार के लिए आवश्यक नियुक्तियों पर चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार यह भेंट राजनीतिक नहीं, बल्कि शैक्षणिक प्रशासन से जुड़ी थी।
विश्वविद्यालयों में कुलपति नियुक्ति को लेकर गंभीरता
राज्य के उच्च शिक्षा संस्थानों में कुलपतियों के पद लंबे समय से रिक्त पड़े हैं या फिर कार्यवाहक कुलपतियों के सहारे विश्वविद्यालयों का संचालन हो रहा है। इससे विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक गुणवत्ता और प्रशासनिक कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच इस विषय को लेकर बातचीत हुई। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से इस दिशा में शीघ्र निर्णय लेने का अनुरोध किया।
शिक्षा व्यवस्था सुधार की प्राथमिकता
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लंबे समय से राज्य की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के पक्षधर रहे हैं। प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक सुधार के लिए सरकार की कई योजनाएं चल रही हैं। इसी क्रम में उच्च शिक्षा संस्थानों के कुशल संचालन के लिए योग्य और अनुभवी कुलपतियों की नियुक्ति को सरकार एक आवश्यक कदम मान रही है। बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि कुलपति पदों की नियुक्ति जल्द की जाए, ताकि विश्वविद्यालयों में स्थिरता आ सके।
राज्यपाल की भूमिका और जिम्मेदारी
बिहार में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति का अधिकार राज्यपाल को प्राप्त है, जो विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी होते हैं। हालांकि, नियुक्तियों से संबंधित प्रक्रिया में राज्य सरकार की भी भूमिका होती है, खासकर चयन समिति के गठन और अनुशंसा के स्तर पर। इसी समन्वय को बेहतर करने के उद्देश्य से यह बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
राजनीतिक नहीं, प्रशासनिक मुलाकात
इस मुलाकात को लेकर अटकलें थीं कि कहीं यह किसी राजनीतिक समीकरण को लेकर न हो, लेकिन सूत्रों ने स्पष्ट किया कि चर्चा का केंद्रबिंदु केवल विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति था। इससे यह भी संकेत मिलता है कि राज्य सरकार और राजभवन के बीच बेहतर तालमेल बनाने की कोशिश की जा रही है, ताकि शिक्षा जैसे अहम क्षेत्र में निर्णय प्रक्रिया तेज हो सके।
भविष्य में हो सकते हैं और भी सुधारात्मक कदम
इस मुलाकात के बाद संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में बिहार सरकार और राज्यपाल के बीच उच्च शिक्षा व्यवस्था को लेकर और भी कई स्तरों पर बातचीत होगी। कुलपति नियुक्तियों के अलावा विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता, पाठ्यक्रम अद्यतन, शिक्षकों की नियुक्ति और शोध कार्यों को प्रोत्साहन जैसे मुद्दों पर भी संवाद हो सकता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान की मुलाकात एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक कदम के रूप में देखी जा रही है। यह दर्शाता है कि बिहार सरकार उच्च शिक्षा में सुधार को लेकर गंभीर है और वह शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। यदि इस चर्चा के बाद विश्वविद्यालयों में स्थायी कुलपति नियुक्त होते हैं तो इससे छात्रों और शिक्षकों दोनों को लाभ मिलेगा और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में यह एक बड़ा कदम माना जाएगा।
