मुजफ्फरपुर में पुलिस वाहन ने दो छात्राओं को रौंदा, दर्दनाक मौत, लोगों ने थाने का किया घेराव
मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां पुलिस वाहन की चपेट में आकर दो छात्राओं की मौत हो गई। यह हादसा जिले के जजुआर थाना क्षेत्र में स्थित मध्य पंचायत हाईस्कूल के पास हुआ। बताया जा रहा है कि दोनों छात्राएं स्कूल की छुट्टी के बाद सड़क किनारे एक नास्ते की दुकान पर खड़ी थीं। तभी मुजफ्फरपुर पुलिस की डायल 112 सेवा की गाड़ी ने उन्हें रौंद दिया। यह हादसा इतना गंभीर था कि दोनों छात्राएं घटनास्थल पर ही गंभीर रूप से घायल हो गईं।
मृत छात्राओं की पहचान और परिवार की स्थिति
मृत छात्राओं की पहचान किरण कुमारी और नेहजबी कुमारी के रूप में हुई है। दोनों छात्राएं मोहम्मद असगर की बेटियां थीं। उनके परिजन ऋषि कुमार चौधरी ने बताया कि दोनों बहनें स्कूल से लौट रही थीं और थोड़ी देर के लिए नास्ते की दुकान पर रुकी थीं। इसी दौरान पुलिस वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने घायल छात्राओं को पास के अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से उन्हें मुजफ्फरपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। लेकिन अफसोस की बात यह है कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही दोनों की मौत हो गई।
स्थानीय लोगों का गुस्सा और विरोध प्रदर्शन
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग भारी आक्रोशित हो उठे। लोगों ने घटनास्थल पर पहुंची पुलिस की गाड़ी को घेर लिया और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। गांव के मुखिया सुमन नाथ ठाकुर भी पीड़ित परिवार के पक्ष में धरने पर बैठ गए और निष्पक्ष जांच तथा न्याय की मांग करने लगे। लोगों का कहना था कि पुलिस की गाड़ी तेज रफ्तार में थी और पूरी तरह से अनियंत्रित थी। वाहन ने न केवल छात्राओं को टक्कर मारी बल्कि सड़क किनारे स्थित एक घर को भी तोड़ते हुए खेत में जा गिरा।
चालक पर गंभीर आरोप
स्थानीय लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस वाहन का चालक नशे में था और इस लापरवाही के कारण ही यह दुखद घटना घटी। घटना के बाद कुछ लोगों ने वाहन चालक के साथ हाथापाई भी की। हालांकि पुलिस ने अभी तक यह पुष्टि नहीं की है कि चालक नशे में था या नहीं, लेकिन ग्रामीण एसपी विद्या सागर ने यह आश्वासन दिया है कि इस पहलू की भी गहराई से जांच की जाएगी।
पुलिस का बयान और जांच की स्थिति
मुजफ्फरपुर ग्रामीण एसपी विद्या सागर ने बताया कि डायल 112 की टीम को एक इन्वेंट की सूचना मिली थी, जिस पर टीम तत्काल रवाना हुई थी। इसी दौरान रास्ते में यह हादसा हुआ। पुलिस का मानना है कि यह घटना चालक की लापरवाही के कारण हुई है। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि चालक निजी व्यक्ति था, जिसे पुलिस वाहन चलाने की जिम्मेदारी दी गई थी।
जन आक्रोश और प्रशासन की चुनौती
इस घटना ने पूरे इलाके में शोक और आक्रोश का माहौल बना दिया है। आम लोगों में पुलिस व्यवस्था को लेकर गंभीर नाराजगी देखने को मिली। लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि अगर सुरक्षा देने वाली पुलिस की गाड़ी ही ऐसी लापरवाही करेगी, तो आम नागरिकों की सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा? ग्रामीण एसपी ने घटनास्थल पर पहुंचकर लोगों को समझाने की कोशिश की और निष्पक्ष जांच का भरोसा दिया।
न्याय की मांग और आगे की कार्रवाई
अब स्थानीय लोग दोषी चालक के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। साथ ही पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा और सरकारी मदद देने की भी मांग की जा रही है। इस घटना ने न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर किया है, बल्कि यह भी दिखा दिया है कि कैसे कभी-कभी जिनसे सुरक्षा की उम्मीद होती है, वही लोगों की जान के लिए खतरा बन जाते हैं। इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि सड़क सुरक्षा, पुलिस प्रशिक्षण और जवाबदेही पर नए सिरे से विचार किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।


