कोटा में छात्रों के बढ़ते सुसाइड को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, राजस्थान सरकार को लगाई फटकार, पूछा- क्या कदम उठाए

नई दिल्ली। देश में छात्रों की आत्महत्या की बढ़ती घटनाएं एक गंभीर चिंता का विषय बनती जा रही हैं, खासकर राजस्थान के कोटा शहर में, जो देश का प्रमुख कोचिंग हब माना जाता है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले पर सख्त रुख अपनाते हुए राजस्थान सरकार को कड़ी फटकार लगाई और जवाब तलब किया कि वह इस समस्या के समाधान के लिए क्या ठोस कदम उठा रही है। जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा, कोटा में इस साल अब तक 14 छात्रों ने आत्महत्या कर ली है। यह बहुत ही गंभीर स्थिति है। एक राज्य के रूप में आप क्या कर रहे हैं? क्या आपने इस पर कोई गंभीर विचार किया है?”कोर्ट ने यह टिप्पणी एक छात्रा का शव कोटा के हॉस्टल में मिलने और आईआईटी खड़गपुर के एक छात्र द्वारा आत्महत्या किए जाने के संदर्भ में की। उल्लेखनीय है कि 4 मई को नीट परीक्षा से कुछ घंटे पहले कोटा में 17 वर्षीय छात्रा ने आत्महत्या कर ली थी। इसी दिन पश्चिम बंगाल के खड़गपुर स्थित आईआईटी में 22 वर्षीय छात्र ने हॉस्टल में फांसी लगाकर जान दे दी थी। इन दोनों घटनाओं को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 6 मई को स्वतः संज्ञान लिया था। सुनवाई के दौरान अदालत ने यह भी पूछा कि कोटा में आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं के बावजूद अब तक एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की गई। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि वह यह जानना चाहती है कि क्या “अमित कुमार बनाम भारत संघ” मामले में दिए गए दिशानिर्देशों का पालन किया गया है या नहीं। इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को भी लताड़ लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मेंटल हेल्थ और आत्महत्या रोकथाम के लिए गठित की जाने वाली नेशनल टास्क फोर्स (NTF) के गठन के लिए दो दिन के भीतर 20 लाख रुपये जमा कराने का निर्देश दिया है। यह टास्क फोर्स छात्रों की मानसिक स्थिति और कोचिंग संस्थानों में व्याप्त दबाव की पड़ताल करेगी। इधर, शिक्षा मंत्रालय ने भी कोचिंग सेंटर्स में आए दिन हो रही घटनाओं और सुविधाओं की कमी को देखते हुए उनके लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। इसमें छात्रों की मानसिक स्थिति पर विशेष ध्यान देने, सुरक्षा मानकों को बेहतर बनाने और तनावमुक्त वातावरण सुनिश्चित करने जैसे प्रावधान शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट की इस कड़ी टिप्पणी और केंद्र तथा राज्य सरकारों को दिए गए निर्देशों के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि कोटा समेत देशभर में छात्रों की भलाई के लिए ठोस और प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को निर्धारित की गई है।
