24 मई को जम्मू के पूछ जाएंगे राहुल गांधी, हमले में मारे गए पीड़ितों के परिवारों से करेंगे मुलाकात

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी 24 मई को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले का दौरा करेंगे। इस दौरे का उद्देश्य हाल ही में पाकिस्तान की ओर से हुई गोलीबारी और हमलों में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों से मुलाकात करना और उन्हें सांत्वना देना है। यह दौरा ऐसे समय पर हो रहा है जब भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव चरम पर है और दोनों देशों के बीच हाल ही में सैन्य टकराव भी हुआ है।
हमले के पीड़ितों से मुलाकात का कार्यक्रम
पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इस दौरे की जानकारी साझा करते हुए बताया कि राहुल गांधी इस यात्रा में उन परिवारों से मिलेंगे जिन्होंने पुंछ सेक्टर में हाल की गोलाबारी में अपने प्रियजनों को खोया है। यह दौरा संवेदना प्रकट करने के साथ-साथ यह संदेश भी देगा कि देश एकजुट है और आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ है।
पहलगाम हमले के बाद की गतिविधियां
इससे पहले 25 अप्रैल को राहुल गांधी श्रीनगर गए थे, जहां उन्होंने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में घायल लोगों और अन्य पक्षों से मुलाकात की थी। उस हमले में कुल 26 पर्यटक मारे गए थे। श्रीनगर दौरे के दौरान राहुल ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से भी बातचीत की थी। उन्होंने उस समय स्पष्ट रूप से कहा था कि आतंकवाद का मकसद देश को बांटना है और इसके खिलाफ पूरे भारत को एक साथ खड़ा होना चाहिए।
भारत की सैन्य कार्रवाई और तनाव की स्थिति
7 मई को भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत सटीक हमले किए थे। इनमें बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद और मुरिदके स्थित लश्कर-ए-तैयबा के ठिकाने शामिल थे। इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की ओर से पुंछ और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में गोलाबारी तेज हो गई थी। 8 से 10 मई के बीच की गई इन कार्रवाइयों में पाकिस्तान ने मिसाइलों और ड्रोन के माध्यम से हमला किया, जिसमें 27 भारतीय नागरिकों की मौत हो गई और 70 से अधिक लोग घायल हुए।
सीमा पर जनजीवन प्रभावित
इन हमलों के चलते नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे हजारों लोगों को अपने घर छोड़कर सरकारी राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी। हालात इतने गंभीर हो गए कि लोगों को अपनी सुरक्षा के लिए स्थायी निवास छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा।
भारत-पाकिस्तान के बीच समझौता
चार दिनों तक चले टकराव के बाद भारत और पाकिस्तान ने 10 मई को सैन्य संघर्ष को समाप्त करने के लिए आपसी समझौता किया। इस समझौते के बाद सीमा पर स्थिति कुछ हद तक सामान्य हुई, लेकिन इलाके में तनाव अभी भी बना हुआ है।
राहुल गांधी की यात्रा का महत्व
राहुल गांधी का यह दौरा न केवल मानवीय संवेदना का प्रतीक है बल्कि इसका राजनीतिक और सामाजिक संदेश भी गहरा है। ऐसे समय में जब आतंकवाद और सीमा पर अस्थिरता से देश का जनजीवन प्रभावित हो रहा है, विपक्ष के नेता का प्रभावित इलाकों में जाना यह दिखाता है कि राजनीतिक मतभेदों से परे जाकर सभी को मिलकर इस संकट का सामना करना होगा। इस दौरे के माध्यम से राहुल गांधी एक ओर पीड़ितों को सहानुभूति देने का प्रयास करेंगे, वहीं दूसरी ओर वे पूरे देश को यह संदेश देंगे कि आतंक के विरुद्ध एकजुट होकर ही स्थायी समाधान पाया जा सकता है।

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