पानीपत में पाकिस्तानी जासूस गिरफ्तार, सोशल मीडिया से भेज रहा था जानकारी, जांच में जुटी एजेंसी

पानीपत। हरियाणा के पानीपत से सामने आई एक सनसनीखेज खबर ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। उत्तर प्रदेश के कैराना निवासी 24 वर्षीय युवक नौमान इलाही को पानीपत पुलिस ने एक पाकिस्तानी जासूस के रूप में गिरफ्तार किया है। शुरुआती जांच में पता चला है कि वह पाकिस्तान में बैठे आतंकी इकबाल के लिए काम कर रहा था और सोशल मीडिया के माध्यम से भारत की सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारी उसे भेज रहा था।
सोशल मीडिया बना जासूसी का हथियार
इस घटना से एक बार फिर यह बात उजागर हुई है कि सोशल मीडिया जैसे प्लेटफॉर्म्स, जहां आम लोग अपनी रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ी बातें साझा करते हैं, वहीं आतंकवादी संगठन इन्हें एक खतरनाक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। नौमान, वाट्सऐप और अन्य सोशल मीडिया ऐप्स के जरिये सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं को भेज रहा था।
पानीपत में छुपकर कर रहा था देश विरोधी गतिविधियां
नौमान की बहन जीनत की शादी पानीपत के हौली कॉलोनी में हुई थी। इसी बहाने वह चार महीने पहले वहां रहने आ गया। शुरुआत में वह मजदूरी करता रहा, लेकिन बाद में प्रयागराज के एक सिक्योरिटी एजेंसी संचालक रजनीश तिवारी की मदद से उसे सेक्टर 29 की एक कंबल फैक्ट्री में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी मिल गई। इस नौकरी की आड़ में वह देश की निगरानी करता रहा और सूचनाएं जुटाकर पाकिस्तान भेजता रहा।
जांच के घेरे में सुरक्षा एजेंसी का संचालक
नौमान को नौकरी दिलाने वाले प्रयागराज निवासी रजनीश तिवारी की भूमिका अब जांच के दायरे में है। यह केवल एक संयोग था या रजनीश भी इस जासूसी नेटवर्क का हिस्सा है, इस पर पुलिस गंभीरता से जांच कर रही है। नौमान के लिए सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी न सिर्फ रोजी-रोटी का साधन बनी, बल्कि उसे एक ऐसे स्थान पर पहुंचा दिया, जहां से वह फैक्ट्री और आसपास की गतिविधियों पर नजर रख सकता था।
आईएसआई से संबंध की आशंका
पूछताछ के दौरान नौमान ने जिस पाकिस्तानी आतंकी इकबाल का नाम लिया है, उसके बारे में संदेह है कि वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का एजेंट हो सकता है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत द्वारा आतंकवाद के खिलाफ उठाए गए सख्त कदमों से पाकिस्तान दबाव में है। ऐसे में नौमान जैसे जासूसों को भारत में सक्रिय करना, पाकिस्तान की रणनीतिक चाल का हिस्सा हो सकता है।
जांच एजेंसियां जुटीं हैं तह तक पहुंचने में
पानीपत पुलिस की सीआईए यूनिट इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। नौमान की गिरफ्तारी केवल एक व्यक्ति के पकड़े जाने का मामला नहीं है, बल्कि यह एक बड़े जासूसी नेटवर्क की ओर इशारा करता है, जो भारत की सुरक्षा को अंदर से कमजोर करने का प्रयास कर रहा है। शुरुआती पूछताछ में यह बात सामने आई है कि नौमान पिछले कई वर्षों से पाकिस्तान के आतंकियों से जुड़ा हुआ था, जबकि उसके माता-पिता का देहांत पांच साल पहले हो चुका था।
देश के लिए चेतावनी
यह मामला सिर्फ पानीपत या उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश के लिए एक चेतावनी है कि देश की सुरक्षा को लेकर सतर्कता में किसी भी प्रकार की ढील नहीं दी जा सकती। सोशल मीडिया का गलत उपयोग, आतंकी संगठनों की नई रणनीति और युवाओं की भर्तियों के नए तरीके सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक चुनौती बनकर सामने आ रहे हैं। इस घटना से साफ है कि आतंकियों की पहुंच अब आम नागरिकों तक होती जा रही है और इसे रोकना ही भविष्य की सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए।

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