पटना को राघोपुर से जोड़ने वाला पीपा पुल जर्जर, दहशत में लोग, कभी भी होगा बड़ा हादसा

पटना। पटना जिले के कच्ची दरगाह से वैशाली जिले के राघोपुर को जोड़ने वाला पीपा पुल इन दिनों जर्जर हालत में पहुंच चुका है। यह पुल दियारा क्षेत्र के सैकड़ों गांवों को पटना से जोड़ने वाला एकमात्र साधन है। प्रतिदिन हजारों लोग और वाहन इस पुल से आवाजाही करते हैं, लेकिन मौजूदा समय में इसकी स्थिति किसी भी बड़े हादसे को न्योता दे रही है। पुल की मरम्मत या पुनर्निर्माण को लेकर कोई ठोस कदम अब तक नहीं उठाया गया है, जिससे क्षेत्र के लोग भय और असुरक्षा की भावना में जीने को मजबूर हैं।
पुल की बनावट और उपयोगिता
करीब 2 किलोमीटर लंबा यह पीपा पुल राघोपुर प्रखंड और दियारा क्षेत्र के फतेहपुर, राघोपुर, जुड़ावनपुर, चकसिंगार, मल्लिकपुर, सैदाबाद, पहाड़पुर, रामपुर तथा वैशाली जिले के बिदुपुर, गोकुलपुर और विसनपुर जैसे दर्जनों गांवों को पटना से जोड़ता है। बरसात के महीनों को छोड़कर यह पुल साल के अधिकतर दिनों में चालू रहता है और लगभग 50 हजार लोग प्रतिदिन इस रास्ते से गुजरते हैं। वाहन चालकों से लेकर स्थानीय लोगों तक, सभी के लिए यह पुल जीवन रेखा जैसा है।
जर्जर हालत और बढ़ता खतरा
पुल की वर्तमान स्थिति बेहद चिंताजनक है। कई स्थानों पर लोहे की सीटें क्रैक हो चुकी हैं और कुछ जगहों पर ये सीटें मुड़कर नुकीली हो गई हैं, जो कभी भी दुर्घटना का कारण बन सकती हैं। इसके अलावा, कई जगहों पर सीटें अपनी जगह से खिसक चुकी हैं, जिससे चलने में असुविधा और खतरे दोनों की आशंका बनी रहती है। ऑटो चालकों और स्थानीय निवासियों का कहना है कि पुल में गड्ढे बन चुके हैं और कई स्थानों पर यह टूटा हुआ है। फिर भी कोई और वैकल्पिक मार्ग नहीं होने के कारण उन्हें इसी खतरनाक पुल का उपयोग करना पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों की चिंता
कच्ची दरगाह के निवासी जयराम कुमार सहित कई अन्य लोगों ने बताया कि पुल की हालत दिन-ब-दिन और खराब होती जा रही है। लोगों में यह डर बना हुआ है कि किसी दिन कोई बड़ा हादसा हो सकता है, जिससे जान-माल का भारी नुकसान हो सकता है। स्थानीय नागरिकों ने मांग की है कि प्रशासन इस ओर तुरंत ध्यान दे और समय रहते मरम्मत कार्य शुरू करवाए।
प्रशासनिक उदासीनता
सबसे चिंता की बात यह है कि जब इस मामले को लेकर पीपा पुल प्राधिकरण से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उनसे कोई संपर्क नहीं हो सका। यह प्रशासनिक उदासीनता न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि यह भविष्य में संभावित दुर्घटनाओं के लिए भी जिम्मेदार मानी जाएगी।
समाधान की आवश्यकता
इस पुल की वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह आवश्यक है कि प्रशासन शीघ्र संज्ञान ले और तत्काल मरम्मत कार्य शुरू करवाए। साथ ही, इस पुल के स्थान पर एक स्थायी और सुरक्षित पुल के निर्माण की योजना बनाई जानी चाहिए, जिससे इस क्षेत्र के लोगों को एक लंबे समय के लिए राहत मिल सके। जब तक ऐसा नहीं होता, तब तक हजारों लोगों की जान खतरे में बनी रहेगी। पटना और राघोपुर को जोड़ने वाला यह पीपा पुल न केवल एक मार्ग है, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास, स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा और रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ा अहम आधार है। इसकी अनदेखी पूरे समाज के लिए एक बड़े संकट का कारण बन सकती है।

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