आरसीपी सिंह ने पूर्व वित्त मंत्री को घेरा, कहा- देखिए हम कहां पहुंचे

पटना। जदयू सांसद आरसीपी सिंह ने राज्यसभा में केंद्रीय बजट पर चर्चा के दौरान कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट विकासोन्मुख है। इसके लिए उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई दी। उन्होंने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम पर निशाना साधते हुए कहा कि आप क्लास व मास की बात कर रहे थे। हमलोग तो मास से जुड़े हुए हैं, आप हार्वर्ड से हैं। किसान सम्मान निधि में 54 हजार करोड़ रुपए दिए जाने पर पूर्व वित्त मंत्री के बयान पर हमला करते हुए आरसीपी ने कहा कि आपने 9 बजट पेश किया, उसमें किसानों के लिए तो 1 रुपया नहीं दिया गया था। ऐसे में हम कहां पहुंचे, यह देखना चाहिए।
श्री सिंह ने कहा कि किसान सम्मान निधि में हम जीरो से 54 हजार करोड़ पर पहुंचे हैं और आगे इससे अधिक का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी चिंता हर गरीब के घर में नल का जल पहुंचे इसकी है, इसके लिए 3.60 लाख करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। आरसीपी ने कहा कि हमारे लिए मास व क्लास की बात न करें तो बेहतर होगा। यह सरकार ग्रामीण विकास के लिए ही है। हमारे यहां किसानों को सम्मान देने का काम कभी नहीं किया गया। आप देखिए हॉर्टिकल्चर का उत्पादन 311 मिलियन टन का हुआ है। इसके लिए आपको धन्यवाद देना चाहिए। इस प्रकार के उत्पादन से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार बढ़ा है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में न्यूट्रीशन का लेबल भी बढ़ा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने न्यूट्रीशन लेवल को बढ़ाने के लिए 35600 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है। इससे किसको फायदा होगाए यह समझा जा सकता है।
वहीं बच्चियों की शादी की उम्र को लेकर एक टास्क फोर्स गठित करने के फैसले को भी आरसीपी सिंह ने सही ठहराया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार का दबाव आज के समय में है, उसको देखते हुए इस गंभीर मसले पर विचार होना चाहिए। महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह बड़ा कदम होगा। 1978 में लड़कियों की शादी की उम्र 18 वर्ष तय की गई थी। टास्क फोर्स इसमें किसी प्रकार के बदलाव पर विचार करेगा।
पूर्व वित्त मंत्री द्वारा बिजली की खपत कम होने के दावे पर आरसीपीसी ने कहा कि बिहार में एक समय में 450 से 500 मेगावाट बिजली की खपत होती थी। साल नहीं बोलूंगा, क्योंकि कुछ लोगों को खराब लगेगा। आज के समय में बिहार में बिजली की खपत 5000 मेगावाट से अधिक की है। खपत कम होने की बात कैसे कही जा रही है। सरकार सोलर एनर्जी के लिए रेलवे ट्रैक के किनारे जिस प्रकार के प्लांट की सोच रखती है, वह भी दूरदर्शिता को प्रदर्शित करती है। किसानों को भी इससे जोड़ा जा रहा है, जिन खेतों पर किसान खेती नहीं करते हैं। वहां पर वह सौर ऊर्जा तैयार कर सकते हैं। इस प्रकार किसान अन्नदाता से उर्जादाता भी बनेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर बिहार में बहुत सारे वाटर बॉडीज है। उस पर कैसे सोलर पावर प्लांट लगे, इसकी योजना तैयार होनी चाहिए। इससे फायदा किसानों को होगा।
जदयू सांसद ने कहा कि वाराणसी से हल्दिया के बीच गंगा के दोनों किनारों पर अर्थ गंगा प्रोजेक्ट चलाने की सोच भी बेहतरीन है। इससे बिहार को भी काफी फायदा होगा। जीविका अभियान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में करीब 9 लाख सेल्फ हेल्प ग्रुप काम कर रहे हैं। देश भर में इसकी संख्या करीब 58 लाख है। यह गांव के लोगों का जीवन बदलने में कामयाब हो रही है। अब महिलाएं बैंकों में जा रही हैं। यह बजट आम लोगों, गांव, महिलाओं व किसान का जीवन सुधारने की कोशिश करती दिखती है।

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