फतुहा में छठ घाट पर डूबने से छात्र की मौत, पैर फिसलने से हादसा, घंटों बाद निकाला गया शव

पटना। पटना जिले के फतुहा में चैती छठ के समापन के अवसर पर एक दुखद घटना घटी। फतुहा के जेठुली घाट पर स्नान करने के दौरान एक छात्र की डूबने से मौत हो गई। यह हादसा तब हुआ जब छात्र का पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में चला गया। स्थानीय लोगों ने उसे बचाने का काफी प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो सके। एसडीआरएफ की टीम ने घंटों की मशक्कत के बाद उसके शव को पानी से बाहर निकाला। मृत छात्र की पहचान शुभम कुमार (16 वर्ष) के रूप में हुई, जो नथूपुर गांव निवासी रवि सहनी का पुत्र था। शुभम दसवीं कक्षा का छात्र था और चैती छठ की पूजा में भाग लेने के लिए अपनी चाची के साथ जेठुली घाट आया था। घाट पर पूजा के दौरान वह स्नान करने के लिए पानी में उतरा, लेकिन गहरे पानी में चले जाने के कारण डूब गया। जब शुभम डूबने लगा तो घाट पर मौजूद लोगों ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन पानी गहरा होने के कारण वे सफल नहीं हो पाए। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन हरकत में आ गया। मौके पर प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रमोद कुमार और अंचल अधिकारी मुकेश कुमार पहुंचे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा तैयार किया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घटना की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीम मौके पर पहुंची और शव की तलाश में जुट गई। घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद टीम ने शुभम के शव को नदी से बाहर निकाला। इस दौरान घाट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु और स्थानीय लोग एकत्र हो गए थे।प्रशासन ने मृतक के परिजनों को सांत्वना दी और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। नदी थानाध्यक्ष राजू कुमार ने बताया कि परिजनों के बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है। यह घटना घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था की कमी को उजागर करती है। हर साल छठ पूजा के दौरान श्रद्धालु बड़ी संख्या में घाटों पर स्नान के लिए पहुंचते हैं, लेकिन सुरक्षा इंतजामों की कमी के कारण इस तरह की घटनाएं घटती रहती हैं। अगर घाटों पर बैरिकेडिंग और सुरक्षा दल तैनात होते, तो इस हादसे को रोका जा सकता था। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए घाटों पर उचित सुरक्षा उपाय किए जाएं। गहरे पानी में जाने से रोकने के लिए चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं और हर घाट पर एसडीआरएफ या गोताखोरों की टीम तैनात की जाए, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तत्काल सहायता प्रदान की जा सके। इस हादसे के बाद शुभम के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। माता-पिता और अन्य परिजन गहरे सदमे में हैं। शुभम के घरवालों को विश्वास ही नहीं हो रहा कि उनका बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा। पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है, और शुभम की याद में हर कोई गमगीन है। यह दुर्घटना एक चेतावनी भी है कि धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान सतर्कता बरतना आवश्यक है। घाटों पर सुरक्षा के उपाय बढ़ाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की दुखद घटनाएं न हों।
