पटना में गर्मी के कारण बदली स्कूलों की टाइमिंग, अब 7 बजे से लगेगी कक्षाएं

पटना। बढ़ती गर्मी को ध्यान में रखते हुए बिहार शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी सरकारी स्कूलों के लिए नया समय-सारिणी लागू किया है। यह नया शेड्यूल 7 अप्रैल 2025 से 1 जून 2025 तक प्रभावी रहेगा। इस दौरान, राज्य के प्रारंभिक और माध्यमिक विद्यालयों का संचालन सुबह जल्दी शुरू होगा ताकि छात्रों और शिक्षकों को भीषण गर्मी से बचाया जा सके।माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, सभी सरकारी प्रारंभिक और माध्यमिक स्कूल प्रतिदिन सुबह 6:30 बजे खुलेंगे। सुबह 6:30 बजे से 7:00 बजे तक विद्यालय में प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद, सुबह 7:00 बजे से पढ़ाई की शुरुआत होगी। शिक्षण सत्र में कुल छह कक्षाएँ संचालित की जाएंगी। पहली कक्षा सुबह 7:00 से 7:40 तक होगी। इसके बाद दूसरी कक्षा 7:40 से 8:20 तक और तीसरी कक्षा 8:20 से 9:00 तक चलेगी। सुबह 9:00 बजे से 9:40 तक मध्यान्ह अवकाश (लंच ब्रेक) रहेगा, जिसे एमडीएम (मिड-डे मील) समय के रूप में भी जाना जाता है।ब्रेक के बाद पढ़ाई पुनः शुरू होगी। चौथी कक्षा 9:40 से 10:20 तक चलेगी, जबकि पाँचवीं कक्षा 10:20 से 11:00 तक होगी। इसके बाद छठी कक्षा 11:00 से 11:40 तक और सातवीं व अंतिम कक्षा 11:40 से 12:20 तक संचालित की जाएगी। दोपहर 12:20 से 12:30 तक 10 मिनट का समय हेडमास्टर द्वारा शिक्षकों की समीक्षा के लिए निर्धारित किया गया है। इस दौरान शिक्षकों द्वारा पढ़ाए गए विषयों की समीक्षा की जाएगी और अगले दिन के लिए पढ़ाई की योजना बनाई जाएगी। इसके अलावा, छात्रों को दिए गए गृहकार्य की जांच भी इस दौरान की जाएगी। यह बदलाव मुख्य रूप से गर्मी के प्रकोप से बचाव के लिए किया गया है। अप्रैल और मई के महीने में बिहार में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो सकता है, जिससे छात्रों और शिक्षकों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए, सुबह जल्दी स्कूल शुरू करके यह सुनिश्चित किया गया है कि जब तापमान अपेक्षाकृत कम हो, तब पढ़ाई पूरी हो जाए। इसके अलावा, सुबह जल्दी स्कूल खुलने से बच्चों को दोपहर की चिलचिलाती धूप में घर लौटने की परेशानी नहीं होगी। यह कदम बच्चों के स्वास्थ्य और पढ़ाई, दोनों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। बिहार सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय छात्रों और शिक्षकों के हित में है। नए समय-सारिणी से शिक्षा की गुणवत्ता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, बल्कि यह सुनिश्चित करेगा कि गर्मी की वजह से कोई कक्षा प्रभावित न हो। इस निर्णय से बच्चों को सुबह के समय ताजगी में पढ़ने का अवसर मिलेगा और वे दोपहर में घर जाकर आराम भी कर सकेंगे।
