जदयू से मुस्लिम नेताओं का लगातार इस्तीफा, पार्टी में हड़कंप, प्रदेश अध्यक्ष ने बुलाई बैठक

पटना। वक्फ संशोधन बिल को लेकर बिहार की सियासत में हलचल तेज हो गई है। संसद से बिल पास होने और जेडीयू द्वारा समर्थन किए जाने के बाद पार्टी में अंदरूनी विरोध खुलकर सामने आने लगा है। खासकर मुस्लिम नेताओं में असंतोष इतना बढ़ गया है कि वे एक-एक कर पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं।
मुस्लिम नेताओं का पार्टी से मोहभंग
वक्फ संशोधन बिल का समर्थन कर जदयू अब मुश्किल में फंसती नजर आ रही है। पार्टी के कई मुस्लिम नेताओं ने पार्टी नेतृत्व से नाराज होकर इस्तीफा दे दिया है। चुनाव से ठीक पहले अल्पसंख्यक वर्ग से जुड़े नेताओं का इस तरह पार्टी से किनारा करना जदयू के लिए बड़ा झटका हो सकता है। इससे पार्टी की अल्पसंख्यक वोट बैंक पर पकड़ कमजोर हो सकती है।
पार्टी नेतृत्व ने बुलाई आपात बैठक
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने पार्टी के प्रवक्ताओं और वरिष्ठ नेताओं की आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार समेत अन्य नेता मौजूद रहे। बैठक में रणनीति बनाई गई कि वक्फ संशोधन बिल को लेकर जनता, खासकर मुस्लिम समाज के बीच जाकर किस प्रकार से सफाई दी जाए और भ्रम को दूर किया जाए।
रणनीति पर मंथन
बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि पार्टी को अल्पसंख्यकों के बीच जाकर स्पष्ट करना होगा कि वक्फ संशोधन बिल से उनकी धार्मिक, सामाजिक या आर्थिक स्थिति पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा। जदयू इस बात की योजना बना रही है कि जनता के बीच जाकर संवाद स्थापित किया जाए ताकि जो गलतफहमियां बनी हैं उन्हें दूर किया जा सके।
नीतीश कुमार पर लग रहे आरोप
वक्फ बिल को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा जा रहा है। शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने सीधे तौर पर नीतीश कुमार पर मुसलमानों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने गद्दारी की है और मुसलमान इसे कभी नहीं भूलेंगे।
आने वाले चुनाव में असर
इस पूरे घटनाक्रम का असर आगामी चुनावों पर पड़ सकता है। जदयू को लंबे समय से मुस्लिम समाज का समर्थन मिलता रहा है, लेकिन मौजूदा हालात में पार्टी को उस वर्ग में विश्वास की कमी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में जदयू के लिए यह जरूरी हो गया है कि वह जल्द से जल्द स्थिति को संभाले और नाराज नेताओं और मतदाताओं को मनाने की कोशिश करे।
