मधुबनी में इलेक्ट्रॉनिक शोरूम में एनआईए का छापा, कोऑपरेटिव बैंक घोटाले मामले में कोई कार्रवाई

मधुबनी। महाराष्ट्र के न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक घोटाले में 122 करोड़ रुपये की हेराफेरी की जांच के तहत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बिहार के मधुबनी जिले में बड़ी कार्रवाई की है। जांच एजेंसी ने जिले के एक प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक शोरूम “डिजिटल दुनिया” पर छापा मारा। यह शोरूम महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री हैदर आजम के भाई जावेद आजम से जुड़ा बताया जा रहा है।
शोरूम में छापेमारी और जांच की प्रक्रिया
एनआईए की टीम जब मधुबनी नगर थाना क्षेत्र के वाटसन स्कूल के पास स्थित इस शोरूम पर पहुंची, तो वहां मौजूद मैनेजर से पूछताछ की गई। टीम ने उसे हिरासत में लेकर कई महत्वपूर्ण जानकारियां जुटाईं। जांच के दौरान शोरूम से एक लैपटॉप भी जब्त किया गया, जिसे आगे की जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजा जाएगा। इस दौरान मधुबनी नगर थाना के पुलिस अधिकारी मुरली पासवान भी अपनी टीम के साथ वहां मौजूद रहे और जांच प्रक्रिया में सहयोग किया।
जावेद आजम के अन्य ठिकानों पर भी नजर
सूत्रों के अनुसार, एनआईए की टीम सिर्फ इस शोरूम तक सीमित नहीं रहने वाली है। एजेंसी जावेद आजम के अन्य ठिकानों पर भी छापेमारी की योजना बना रही है। जावेद मधुबनी जिले के राजनगर थाना क्षेत्र के गैसनगर के रहने वाले हैं और बिहार के कई जिलों में उनके इलेक्ट्रॉनिक शोरूम मौजूद हैं। जांच एजेंसी को पूछताछ के दौरान कुछ अहम सुराग मिले हैं, जिनके आधार पर आगे की जांच जारी रहेगी।
मकान मालिक और दस्तावेजों की गहन जांच
एनआईए ने शोरूम के मालिक और उससे जुड़े अन्य लोगों से भी पूछताछ की। दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस शोरूम का बैंक घोटाले से क्या संबंध है। एजेंसी यह भी जांच कर रही है कि क्या इस शोरूम के माध्यम से किसी प्रकार की अवैध वित्तीय लेन-देन हुई है या नहीं।
मधुबनी में हड़कंप, चर्चाओं का दौर जारी
एनआईए की इस अचानक हुई छापेमारी से मधुबनी जिले में हड़कंप मच गया है। स्थानीय लोगों के बीच इस मामले को लेकर चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। लोग इस बात को लेकर उत्सुक हैं कि आखिर इतने बड़े बैंक घोटाले का कनेक्शन मधुबनी के इस इलेक्ट्रॉनिक शोरूम से कैसे जुड़ा हुआ है।
भविष्य में हो सकते हैं बड़े खुलासे
इस हाई-प्रोफाइल मामले में आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं। एनआईए की टीम अब भी जिले में मौजूद है और जांच जारी है। उम्मीद की जा रही है कि इस छापेमारी के माध्यम से घोटाले से जुड़े और भी नाम सामने आ सकते हैं। जांच एजेंसी का पूरा प्रयास है कि बैंक घोटाले में शामिल हर व्यक्ति को कानून के दायरे में लाया जाए। मधुबनी में हुई इस छापेमारी से यह साफ हो गया है कि एनआईए मामले को बेहद गंभीरता से ले रही है और किसी भी दोषी को बख्शने के मूड में नहीं है। अब देखना यह होगा कि आगे की जांच में और क्या नए तथ्य सामने आते हैं।
