प्रदेश में 1 अप्रैल से चैती छठ का महापर्व, पटना के गंगा घाट तैयार, एनडीआरएफ की टीम रहेगी तैनात

पटना। लोक आस्था का महापर्व छठ साल में दो बार मनाया जाता है, जिसमें चैती छठ और कार्तिक छठ शामिल हैं। चैती छठ की तुलना में कार्तिक छठ में व्रतियों की संख्या अधिक होती है, लेकिन चैती छठ भी श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है। इस वर्ष चैती छठ 1 अप्रैल से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा। इस अवसर पर पटना के गंगा घाटों पर विशेष तैयारी की जा रही है ताकि व्रतियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
छठ पर्व का संपूर्ण कार्यक्रम
चैती छठ चार दिनों तक चलने वाला पर्व है, जिसमें विशेष नियमों का पालन किया जाता है। इस दिन व्रती गंगा स्नान करके सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं, जिससे व्रत की शुरुआत होती है। इस दिन व्रतधारी पूरे दिन उपवास रखते हैं और शाम को गुड़ से बनी खीर और रोटी खाकर खरना करते हैं। इसके बाद वे 36 घंटे तक निर्जला उपवास रखते हैं। व्रती डूबते हुए सूर्य को गंगा या किसी पवित्र जलाशय में खड़े होकर अर्घ्य देते हैं। व्रतधारी उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन करते हैं और फिर पारण (अंतिम भोजन) ग्रहण करते हैं।
पटना प्रशासन की तैयारियां
चैती छठ को लेकर पटना जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। इस पर्व के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा घाटों पर एकत्र होते हैं, इसलिए सुरक्षा और व्यवस्था की व्यापक तैयारी की गई है।
गंगा घाटों पर विशेष प्रबंध
पटना जिले के विभिन्न गंगा घाटों पर छठ व्रत के दौरान विशेष भीड़ देखने को मिलती है। प्रमुख घाटों में दीघा घाट, कलेक्ट्रेट घाट, एलसीटी घाट, गाय घाट, भद्र घाट, खाजेकलां घाट और कंगन घाट शामिल हैं। इन घाटों पर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं।
जलस्तर और सुरक्षा उपाय
इस बार गंगा का जलस्तर काफी कम है, जिसके कारण खतरनाक घाटों की अलग से सूची नहीं बनाई गई है। हालांकि, कुछ घाटों पर पानी के अंदर गड्ढों की समस्या बनी हुई है। ऐसे स्थानों पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात रहेंगी, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
सफाई और प्रकाश व्यवस्था
जिला अधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को घाटों पर साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। छठ पर्व के दौरान घाटों पर अतिरिक्त लाइटिंग की व्यवस्था भी की जाएगी, ताकि रात में अर्घ्य देने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो।
जल आपूर्ति और गोताखोरों की तैनाती
चैती छठ का आयोजन गर्मी के मौसम में होता है, इसलिए प्रशासन ने सभी घाटों पर शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा, संभावित दुर्घटनाओं को रोकने के लिए घाटों के किनारे बैरिकेडिंग की जाएगी और स्थानीय गोताखोरों को भी तैनात किया जाएगा।
अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती
छठ पर्व के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए घाटों पर दंडाधिकारी और पुलिस बल की तैनाती की जाएगी। जिन घाटों पर सबसे ज्यादा भीड़ होती है, वहां विशेष सुरक्षा इंतजाम किए जाएंगे।
श्रद्धालुओं की सुविधाओं पर विशेष ध्यान
प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो। घाटों तक पहुंचने वाले मार्गों को सुगम बनाने और ट्रैफिक नियंत्रण के लिए भी विशेष योजना बनाई गई है। साथ ही, घाटों पर मेडिकल कैंप की भी व्यवस्था की जा रही है, ताकि जरूरत पड़ने पर तत्काल चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा सके। चैती छठ बिहार और विशेष रूप से पटना के लोगों के लिए आस्था और श्रद्धा का पर्व है। इसे लेकर प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है और सभी जरूरी इंतजाम किए जा रहे हैं। सुरक्षा, सफाई, पानी और रोशनी जैसी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। श्रद्धालुओं से भी अपील की जा रही है कि वे प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें और सुरक्षित तरीके से छठ पूजा संपन्न करें।
