देश के प्रमुख शहरों में कॉपरेटिव टैक्सी सर्विस लाएगी केंद्र सरकार, रजिस्ट्रेशन से ड्राइवरों को होगा फायदा

नई दिल्ली। देश में टैक्सी सेवाओं को और अधिक पारदर्शी और लाभकारी बनाने के लिए केंद्र सरकार ने एक नई योजना की घोषणा की है। संसद में गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि जल्द ही देश के प्रमुख शहरों में कॉपरेटिव टैक्सी सर्विस शुरू की जाएगी। इस सेवा के तहत कार, ऑटो और बाइक टैक्सी चलाने वाले ड्राइवरों को अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। खास बात यह है कि इस प्रणाली में किसी तरह का कमीशन नहीं लिया जाएगा, जिससे ड्राइवरों को पूरा लाभ मिलेगा।
ड्राइवरों को होगा सीधा फायदा
इस नई व्यवस्था के तहत टैक्सी, ऑटो और बाइक टैक्सी चालकों को बड़ी कंपनियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। मौजूदा समय में ओला और उबर जैसी कंपनियां हर राइड पर एक निश्चित कमीशन काटती हैं, जिससे ड्राइवरों की कमाई प्रभावित होती है। इसके अलावा, सबस्क्रिप्शन फीस और अन्य शुल्कों की वजह से उनकी आमदनी पर और ज्यादा असर पड़ता है। कॉपरेटिव टैक्सी सर्विस लागू होने के बाद ऐसी किसी भी निजी कंपनी को कमीशन देने की जरूरत नहीं होगी। अमित शाह ने कहा कि अब धन्नासेठों के हाथों में टैक्सी सेवा से होने वाला मुनाफा नहीं जाएगा बल्कि इसका पूरा लाभ सीधे ड्राइवरों को मिलेगा।
सहकारी टैक्सी सेवा का प्रभाव
इस योजना के तहत सहकारिता मंत्रालय द्वारा एक ऐसी टैक्सी सेवा चलाई जाएगी, जिसमें चार पहिया टैक्सी, ऑटो और बाइक टैक्सियों का पंजीकरण किया जाएगा। यह सेवा देश के बड़े शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, पटना, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद और बेंगलुरु में शुरू की जाएगी। सरकार को उम्मीद है कि इससे इन शहरों में परिवहन व्यवस्था में बड़ा सुधार आएगा। वर्तमान में टैक्सी सेवा के क्षेत्र में ओला और उबर का एकाधिकार है। शुरुआत में इन सेवाओं से ड्राइवरों को अच्छा फायदा हुआ था, लेकिन समय के साथ कंपनियों ने कमीशन बढ़ा दिए, जिससे ड्राइवरों की आमदनी कम हो गई। अब सरकार की इस नई पहल से ड्राइवरों को उनका पूरा हक मिलेगा।
सहकारिता से समृद्धि की ओर कदम
अमित शाह, जो सहकारिता मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, ने कहा कि यह योजना “सहकार से समृद्धि” के विचार को वास्तविकता में बदलने का एक बड़ा कदम है। सरकार का उद्देश्य है कि देश के लाखों टैक्सी और ऑटो चालकों को संगठित किया जाए और उन्हें अधिक आत्मनिर्भर बनाया जाए। इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि सरकार जल्द ही एक सहकारी बीमा कंपनी भी शुरू करेगी। यह बीमा कंपनी देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनियों में से एक बनने की संभावना रखती है। इससे टैक्सी चालकों और अन्य छोटे व्यवसायियों को उचित दर पर बीमा सेवाएं मिलेंगी, जिससे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
नई व्यवस्था से क्या बदल जाएगा?
ड्राइवरों को किसी भी निजी कंपनी को कमीशन नहीं देना होगा। टैक्सी चालकों को उनकी पूरी कमाई मिलेगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। शहरों में टैक्सी सेवाओं की उपलब्धता और गुणवत्ता में सुधार होगा। ड्राइवरों और यात्रियों के लिए अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद प्रणाली बनेगी। सरकार टैक्सी चालकों के लिए विशेष बीमा योजना भी लाएगी, जिससे उन्हें अधिक सुरक्षा मिलेगी।
भविष्य की संभावनाएं
सरकार की इस पहल से टैक्सी चालकों को न केवल सीधा लाभ मिलेगा बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। देश में लाखों लोग टैक्सी और ऑटो सेवा से जुड़े हुए हैं, लेकिन निजी कंपनियों के अधिक कमीशन और अनियमित नीतियों के कारण वे आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हो पा रहे थे। अब सरकार की नई नीति से उन्हें राहत मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा, यह योजना सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को और अधिक व्यवस्थित करने में भी मदद करेगी। भविष्य में सरकार इसे और अधिक शहरों में लागू कर सकती है, जिससे छोटे और मध्यम शहरों के टैक्सी चालकों को भी लाभ मिलेगा। केंद्र सरकार की कॉपरेटिव टैक्सी सेवा योजना देश में टैक्सी चालकों के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली है। इस पहल से ड्राइवरों को सीधे लाभ मिलेगा, और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। सरकार की यह योजना सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने और देश के छोटे व्यवसायियों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अब देखना यह है कि इसे कितनी तेजी से लागू किया जाता है और ड्राइवरों को इसका लाभ कितने समय में मिलने लगता है।
