पटना समेत पूरे प्रदेश में कल होलिका दहन, शुभ नक्षत्र के युग्म संयोग में 15 को मनेगी

पटना। होली का पर्व इस वर्ष खास ज्योतिषीय संयोग के साथ मनाया जाएगा। फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा तिथि दो दिनों तक होने के कारण इस बार लोगों में होली की तारीख को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। मिथिला और बनारस पंचांग के अनुसार, होलिका दहन 13 मार्च, गुरुवार को होगा, जबकि रंगोत्सव 15 मार्च, शनिवार को मनाया जाएगा।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
ज्योतिष आचार्य के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 13 मार्च, गुरुवार की सुबह 10:11 बजे से शुरू हो रही है। इसी समय से भद्रा काल भी आरंभ हो जाएगा, जो रात 10:47 बजे तक रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भद्रा काल में होलिका दहन वर्जित माना गया है। इसलिए, भद्रा समाप्ति के बाद, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में होलिका दहन करना शुभ रहेगा। 14 मार्च, शुक्रवार को पूर्णिमा तिथि  दोपहर 11:22 बजे तक रहेगी। इस दिन स्नान-दान की पूर्णिमा मनाई जाएगी और कुलदेवता को सिंदूर अर्पण करने की परंपरा निभाई जाएगी।
रंगोत्सव 15 मार्च को मनाया जाएगा
होली का मुख्य पर्व रंगों का उत्सव 15 मार्च, शनिवार को मनाया जाएगा। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, होली चैत्र कृष्ण प्रतिपदा तिथि में मनाना उचित होता है। इस दिन उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र सुबह 7:46 बजे तक रहेगा, उसके बाद हस्त नक्षत्र पूरे दिन विद्यमान रहेगा। दोपहर 12:55 बजे से वृद्धि योग भी रहेगा, जो शुभ कार्यों के लिए अनुकूल माना जाता है।
होलिका दहन के धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व
होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन लोग घरों में सुख-समृद्धि के लिए भगवान शिव की पूजा करते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, होलिका दहन के समय पूर्णिमा तिथि, भद्रा रहित समय और रात्रि का मुहूर्त होना जरूरी होता है। यही कारण है कि इस बार 13 मार्च की रात 10:47 बजे के बाद होलिका दहन करना श्रेष्ठ रहेगा।
होली में रंगों का महत्व
होली के दिन रंगों का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, **लाल, पीला और गुलाबी रंग का उपयोग शुभ माना जाता है। रंगों का यह पर्व समाज में प्रेम, सौहार्द और भाईचारे की भावना को मजबूत करता है।
उत्साह से भरपूर होगी होली की तैयारियां
पटना समेत पूरे बिहार में होली को लेकर बाजारों में रौनक बढ़ गई है। रंग, गुलाल, पिचकारियों और मिठाइयों की दुकानों पर भीड़ देखी जा रही है। लोग गुझिया, मालपुआ, दही-बड़ा और अन्य पारंपरिक व्यंजन बनाने की तैयारियों में जुट गए हैं। इस वर्ष, शुभ नक्षत्रों और विशेष ज्योतिषीय संयोग के कारण होली का पर्व और भी खास माना जा रहा है। रंगों से सजे इस त्योहार को प्रेम, उमंग और उत्साह के साथ मनाने की तैयारियां जोरों पर हैं।

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