विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेले में शुरू हुआ थिएटर, प्रशासन की मंजूरी के बाद लोगों की उमड़ी भीड़

पटना। विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेले की पहचान अब धीरे-धीरे बदल रही है। कभी एशिया का सबसे बड़ा मेला कहे जाने वाला यह आयोजन अब अपने पारंपरिक स्वरूप से हटकर मुख्यतः थिएटर के लिए जाना जाता है। बीते दिनों जिला प्रशासन द्वारा थिएटर के आयोजन पर रोक लगाने के बाद मेले में उदासी छा गई थी। व्यवसायियों और दर्शकों के बीच मायूसी थी, लेकिन बुधवार को प्रशासन ने कुछ शर्तों के साथ थिएटर को लाइसेंस जारी कर दिया, जिससे मेले में फिर से रौनक लौट आई है।
प्रशासनिक मंजूरी के बाद बढ़ी भीड़
थिएटर को लाइसेंस मिलने के बाद सोनपुर मेले में दर्शकों की भीड़ उमड़ पड़ी। टिकट काउंटर पर लंबी कतारें लग गईं, और थिएटर के शौकीनों में उत्साह का माहौल देखने को मिला। आधुनिक रोशनी और संगीत से सजे थिएटर, दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। मेले में अब छह प्रमुख थिएटर चल रहे हैं, जिनमें हर शो में भारी भीड़ देखी जा रही है। दर्शकों का मुख्य आकर्षण स्टेज पर प्रस्तुत किए जाने वाले नृत्य और गानों के साथ-साथ कलाकारों का लाइव प्रदर्शन है। “काजल को करीब से” और “पायल को पास से” देखने की चर्चा मेले में हर तरफ हो रही है।
छोटे दुकानदारों को मिला सहारा
थिएटर की शुरुआत से मेले में न केवल दर्शकों की संख्या बढ़ी है, बल्कि छोटे व्यवसायियों की दुकानदारी भी रफ्तार पकड़ रही है। मेला क्षेत्र में खोमचा लगाने वाले और छोटे दुकानदार, जिनकी बिक्री रात में ज्यादा होती है, थिएटर चालू होने से बेहद खुश हैं। थिएटर शो के बाद दर्शक खाने-पीने और खरीदारी के लिए दुकानों पर पहुंचते हैं, जिससे दुकानदारों को लाभ मिल रहा है।
मेले की बदलती पहचान
सोनपुर मेला कभी अपने पारंपरिक पशु-मेले के लिए जाना जाता था, जहां हाथियों और घोड़ों का व्यापार प्रमुख आकर्षण होता था। लेकिन समय के साथ, यह मेला अपनी पुरानी पहचान खोता जा रहा है और अब मुख्य रूप से मनोरंजन, खासकर थिएटर के लिए जाना जाता है। हालांकि, प्रशासन की मंजूरी मिलने के बाद थिएटर ने मेले में नई जान फूंक दी है। मेले के आयोजकों का कहना है कि थिएटर न केवल दर्शकों को लुभाने का माध्यम बन गया है, बल्कि मेले के आर्थिक पक्ष को भी मजबूत कर रहा है। बड़ी संख्या में दर्शकों के आने से स्थानीय व्यवसायों को भी बढ़ावा मिल रहा है।
थिएटर के लिए प्रशासनिक शर्तें
जिला प्रशासन ने थिएटर को कुछ शर्तों के साथ लाइसेंस जारी किया है। इनमें सुरक्षा मानकों का पालन, शालीनता बनाए रखना और तय समय सीमा में शो खत्म करना शामिल है। इन शर्तों के तहत मेले में थिएटर का आयोजन सुनिश्चित किया जा रहा है ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके।
दर्शकों के लिए मुख्य आकर्षण
थिएटर में आधुनिक संगीत, रंग-बिरंगी रोशनी और स्टेज पर कलाकारों के प्रदर्शन ने दर्शकों का दिल जीत लिया है। खासकर युवाओं के बीच यह शो काफी लोकप्रिय हो रहे हैं। थिएटरों में नृत्य, गाने और लाइव परफॉर्मेंस के माध्यम से मनोरंजन का शानदार माहौल तैयार किया गया है।
मेले की बढ़ती रौनक
थिएटर को मिली मंजूरी ने सोनपुर मेले की रौनक को कई गुना बढ़ा दिया है। जहां पहले दर्शकों की संख्या में कमी देखी जा रही थी, वहीं अब थिएटर के चलते मेला क्षेत्र में भीड़ बढ़ गई है। आयोजकों का कहना है कि थिएटर शो मेले की पहचान को बनाए रखने और इसे एक आधुनिक स्वरूप देने में सहायक साबित हो रहे हैं। थिएटर को लाइसेंस मिलने से सोनपुर मेले में न केवल मनोरंजन की बहार आई है, बल्कि स्थानीय व्यवसाय और मेला क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ी हैं। हालांकि, पारंपरिक स्वरूप से हटकर इस नए बदलाव ने मेले की पहचान को बदल दिया है। बावजूद इसके, थिएटर ने मेले की लोकप्रियता और दर्शकों की संख्या को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में सोनपुर मेला अपनी इस नई पहचान को कैसे बनाए रखता है।

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