सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए चार स्टूडेंट्स को पटना एम्स ने किया सस्पेंड, आदेश जारी

पटना। सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए चार स्टूडेंट्स को पटना एम्स ने सस्पेंड कर दिया है। यह निर्णय सीबीआई की गिरफ्तारी के बाद लिया गया। इन स्टूडेंट्स पर गंभीर आरोप हैं, जिनकी जांच जारी है। पटना एम्स के प्रशासन ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है, जिससे चारों स्टूडेंट्स को उनके वर्तमान पाठ्यक्रम से सस्पेंड कर दिया गया है। नीट पेपर लीक मामले की जांच कर रही सीबीआई की टीम ने पटना एम्स में पढ़ाई करने वाले चार मेडिकल स्टूडेंड को बुधवार की रात हिरासत में लिया था। सीबीआई को शक था कि चारों के सॉल्वर्स गैंग से जुड़े हुए हैं। सीबीआई की गिरफ्त में आए चारों मेडिकल स्टूडेंट 2021 बैच के हैं। रेड के बाद सीबीआई ने चारों के कमरों को सील कर दिया था और उनके मोबाइल और लैपटॉप जब्त कर लिए थे। चारों से पूछताछ के लिए सीबीआई उन्हें अपने साथ ले गई थी। करीब 9 घंटे की पूछताछ के बाद सीबीआई ने चारों मेडिकल स्टूडेंट को अरेस्ट कर लिया था। इसके बात चारों को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने चारों को रिमांड पर भेज दिया है। सॉल्वर गैंस से जुड़े जिन चार डॉक्टरों को सीबीआई ने हिरासत में लिया है उनमें चंदन सिंह सीवान का रहने वाला है, कुमार शानू पटना का रहने वाला है, राहुल आनंद धनबाद का रहने वाला है और करण जैन अररिया का रहने वाला बताया जा रहा है। पूरे मामले पर पटना एम्स के कार्यकारी निदेशक जीके पॉल ने कहा था कि हमारे लिए ये चौंकाने वाली बात है कि हमारे स्टूडेंट्स ऐसी बात में शामिल हैं। हम सीबीआई की रिपोर्ट आने का इंतजार करेंगे। अगर हमारे ये स्टूडेंट्स शामिल रहे होंगे तो इनपर एक्शन होगा। अब एम्स प्रबंधन ने चारों छात्रों चंदन सिंह, राहुल आनंद, कुमार शानू और करण जैन को सस्पेंड करने का फैसला लिया है। पटना एम्स के प्रशासन ने सीबीआई की जांच और गिरफ्तारियों को गंभीरता से लेते हुए, चारों स्टूडेंट्स को सस्पेंड करने का आदेश जारी किया है। इस निर्णय का उद्देश्य संस्थान की प्रतिष्ठा को बनाए रखना और सभी छात्रों के लिए एक सुरक्षित और स्वस्थ शैक्षिक वातावरण सुनिश्चित करना है। पटना एम्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “सीबीआई की गिरफ्तारी और जांच के बाद यह निर्णय लेना आवश्यक हो गया था। हम किसी भी प्रकार की आपराधिक गतिविधियों में शामिल छात्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” इस कार्रवाई के बाद एम्स के अन्य छात्रों में भी खलबली मच गई है। कई छात्रों ने प्रशासन के इस निर्णय का समर्थन किया है, जबकि कुछ ने इसे कठोर कदम माना है। छात्रों का कहना है कि इससे शैक्षिक संस्थान की गरिमा और सुरक्षा दोनों की रक्षा होगी। सीबीआई की जांच अभी भी जारी है, और संभव है कि आगे और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं। प्रशासन ने सभी छात्रों को सलाह दी है कि वे कानून का पालन करें और किसी भी आपराधिक गतिविधियों से दूर रहें। पटना एम्स द्वारा चार स्टूडेंट्स को सस्पेंड करने का निर्णय एक महत्वपूर्ण कदम है, जो संस्थान की सुरक्षा और प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए लिया गया है। यह घटना शैक्षिक संस्थानों में अनुशासन और कानून के पालन की आवश्यकता को उजागर करती है। सीबीआई की जांच और गिरफ्तारियों ने संस्थान और समाज में एक महत्वपूर्ण संदेश भेजा है कि अपराध और अनैतिक गतिविधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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