राजद के बाहुबली विधायक रीतलाल यादव के भाग्य का फैसला कल,महत्वपूर्ण हत्याकांड में कल आएगा जजमेंट

पटना। राजद के बाहुबली विधायक रीतलाल यादव की मुश्किलें बढ़ने वाली है। कल पटना के एमपी एमएलए कोर्ट में उनके खिलाफ चल रहे बहुचर्चित सत्यनारायण सिन्हा हत्याकांड मामले में कोर्ट के द्वारा फैसला सुनाया जाना है। सत्यनारायण सिन्हा भाजपा के नेता थे,जिनकी हत्या 30 अप्रैल 2003 को उस वक्त कर दी गई थी ।जब पटना में राजद के द्वारा लाठी उठवान तेल पिलावन रैली का आयोजन किया गया था। इस मामले में राजद के बाहुबली विधायक रीतलाल यादव फिलहाल जमानत पर हैं। कल 14 में को इस मामले में कोर्ट के द्वारा निर्णय सुनाया जाना है।अगर कोर्ट के द्वारा रीतलाल यादव दोषी करार दिए जाते हैं तो ऐसी स्थिति में उनकी विधानसभा से सदस्यता भी समाप्त हो जाएगी। इस बहुचर्चित हत्याकांड के चश्मदीद गवाहों में से एक संजय शर्मा उर्फ चुन्नू शर्मा की हत्या कर दी गयी। उसमें भी रीतलाल यादव का नाम उछलकर सामने आया था। सत्यनारायण सिन्हा हत्याकांड के मुकदमा शुरू होने के नौ साल बाद, 2016 तक साक्ष्य समर्पित किए गए। इस बीच 13 से अधिक बार मामले स्थानांतरित किये गये। 2016 से मामला अंतिम बहस के चरण में लंबित है। इन्हें 6 बार और स्थानांतरित किया गया। आशा सिन्हा ने 2016 और 2017 में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और अदालत से सुनवाई जल्द पूरी करने को कहा। हाई कोर्ट ने निचली अदालत को इसे 3 महीने में पूरा करने का निर्देश दिया।जिसका अनुपालन नहीं किया गया. यहां तक कि एडीजे प्रथम, पटना ने 2017 में देखा था कि आरोपी कार्यवाही में देरी करने के लिए टालमटोल की रणनीति का इस्तेमाल कर रहे थे। इस बीच केस डायरी और कुछ अन्य दस्तावेज गायब हो गये। 2021 में आशा सिन्हा ने रिट याचिका के जरिए हाईकोर्ट से इस मामले पर गौर करने की प्रार्थना की।जुलाई 2022 में उच्च न्यायालय ने मामले की स्थिति पर रिपोर्ट मांगी। सितंबर 2023 में, उच्च न्यायालय ने प्रथम दृष्टया पाया कि मुकदमे में देरी करने और उसे पटरी से उतारने का ठोस प्रयास किया गया था। हाई कोर्ट ने मामले को देखने के लिए रजिस्ट्रार (सतर्कता) को नियुक्त किया और एसएसपी, पटना को डायरी खोजने के निर्देश जारी किए। हाईकोर्ट ने निचली अदालत को रिकॉर्ड लॉकर में रखने के लिए भी कहा। दिनांक 09.10.2023 के आदेश में, HC ने रजिस्ट्रार (सतर्कता) को “मामले की उचित जांच करने और पिछले आठ वर्षों से मामलों को आगे नहीं बढ़ने देने के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान करने” का निर्देश दिया। 06.11.2023 को,उच्च न्यायालय ने एडीजे III एमपी/एमएलए अदालत को अनावश्यक स्थगन के बिना अंतिम बहस के साथ आगे बढ़ने का निर्देश दिया। कार्यवाही जनवरी की शुरुआत में शुरू हुई और पिछले शुक्रवार को समाप्त हुई। न्यायाधीश ने मामले को फैसले के लिए 14.05.2024 को मुक़र्रर किया है। गौरतलब है कि पिछले अप्रैल में सत्यनारायण सिन्हा की 21वीं पुण्य तिथि थी। आशा सिन्हा का कहना है कि उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा है और उसी भरोसे और विश्वास ने उन्हें 21 साल तक न्याय के लिए आगे बढ़ने की ताकत दी है। वह आशान्वित है और साथ ही उच्च न्यायालय में मामले को आगे बढ़ाने के लिए तैयार भी है।
