शिक्षक बहाली में बीएड अभ्यर्थियों को सुप्रीम कोर्ट से झटका: केस दूसरे बेंच ट्रांसफर, सरकार ने वापस ली याचिका
- शुक्रवार को फ्रेश रिट पर सुनवाई होगी, बदलाव के साथ दूसरी याचिका दायर करेगी बिहार सरकार
नई दिल्ली/पटना। सुप्रीम कोर्ट में आज बिहार के बीएड पास अभ्यर्थियों को लेकर सुनवाई हुई। बीएड कैंडिडेट्स को फिलहाल राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार की एसएलपी को खारिज कर दिया है। शुक्रवार को फ्रेश रिट पर सुनवाई होगी। साथ ही मामला दूसरी बेंच में ट्रासफर कर दिया गया है। अब बिहार सरकार बदलाव के साथ दूसरी याचिका दायर करेगी। क्लास 1 से 5 तक के शिक्षकों की नियुक्ति में बीएड अभ्यर्थियों को शामिल किए जाने को लेकर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जो एसएलपी दायर की थी। बीपीएससी ने सिर्फ डीएलएड पास उम्मीदवारों का रिजल्ट जारी करने का निर्णय लिया है। बिहार सरकार ने 25 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई थी। इस मामले में जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की बेंच में सुनवाई हुई। बता दें कि बिहार में 1 लाख 70 हजार 461 शिक्षकों की नियुक्ति होनी है, जिसमें करीब 80 हजार प्राइमरी स्कूल के टीचर हैं। बिहार में शिक्षक बहाली प्रक्रिया जारी है। बिहार लोक सेवा आयोग ने 1 लाख 70 हजार 461 पद के लिए बहाली निकली थी। क्लास 1 से 5 तक के लिए कुल 79 हजार 943 पद, क्लास 9 से 10 तक के लिए कुल 32 हजार 916 और क्लास 11 से 12वीं तक के लिए 57 हजार 602 पद की बहाली निकली थी। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान शिक्षक बहाली की सुनवाई करते हुए प्राथमिक शिक्षक के लिए डिप्लोमाधारी को योग्य करार दिया है। इसके बाद बीएड पास कैंडिडेट की नियुक्ति अधर में लटक गई। राजस्थान को लेकर दिए गए फैसले के मुताबिक सिर्फ बीटीसी या डीएलएड डिग्री वाले अभ्यर्थी ही कक्षा पांचवीं तक पढ़ाने के लिए योग्य माने जाएंगे। इस नियम को बीपीएससी ने बिहार में भी लागू करने का फैसला किया है, जिसके कारण कई अभ्यर्थियों के रिजल्ट पर रोक लगा दी गई है। इससे पहले 22 सितंबर को पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार की दलील को खारिज कर दिया था और कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला बिहार में भी लागू होगा। यानि बिहार की शिक्षक नियुक्ति में बीएड पास अभ्यर्थी प्राइमरी टीचर नहीं बन सकेंगे। पटना हाईकोर्ट के इसी फैसले को आधार बना कर बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की है. बिहार सरकार कह रही है कि उसे बीएड पास अभ्यर्थियों को प्राइमरी टीचर के पद पर नियुक्ति करने की इजाजत दी जाए। वहीं बीपीएससी ने ये भी तय किया है कि सिर्फ डीएलएड पास उम्मीदवारों का ही रिजल्ट जारी किया जाएगा। बीपीएससी ने ये फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण लिया है, सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में राजस्थान में शिक्षक बहाली के मामले में प्राइमरी टीचर के लिए बीएड की योग्यता को समाप्त कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि उसके फैसले के बाद बीएड डिग्री धारी छात्र प्राइमरी शिक्षक के लिए योग्य नहीं होंगे। सिर्फ बीटीसी या डीएलएड डिग्री वाले छात्र ही कक्षा पांचवीं तक पढ़ाने के लिए पात्र माने जाएंगे।


