जाति आधारित गणना मामले मे केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से वापस लिया हलफनामा, तेजस्वी बोले- इन लोगों को कुछ पता नहीं

नई दिल्ली। बिहार में जाति आधारित गणना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जो हलफनामा गृह मंत्रालय ने दाखिल किया था उसे केंद्र सरकार ने वापस ले लिया है। केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि पैरा पांच अनजाने में शामिल हो गया था। पैरा पांच में कहा गया था कि केंद्र सरकार को ही जनगणना का अधिकार है। जिसके बाद आनन-फानन में केंद्र सरकार की तरफ से पैरा पांच को हलफनामा से हटा लिया गया है। जनगणना और जातीय गणना दोनों अलग-अलग चीज है। कहा जा रहा है कि जल्दबाजी में हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया गया था। बिहार में जातीय गणना मामले में केंद्र सरकार की तरफ से आज ही सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर की गयी थी। गृह मंत्रालय की तरफ से यह हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गयी थी। जिसमें जनगणना अधिनियम 1948 का उल्लेख किया गया था। गृह मंत्रालय की ओर से बताया गया था कि केंद्र सरकार के पास ही जनगणना कराने का अधिकार है। केंद्र सरकार को यह अधिकार अधिनियम की धारा-3 के तहत प्राप्त है। संविधान में किसी अन्य निकाय या प्राधिकरण के पास जनगणना कराने का अधिकार नहीं है। केंद्र सरकार ने बताया था कि संविधान और कानून के मुताबिक SC,ST,OBC के कल्याण के लिए सरकार की ओर से जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
तेजस्वी बोले- इन लोगों को कुछ पता नहीं
वही कोर्ट में बिहार सरकार ने दलील देते हुए कहा कि राज्य में गणना का काम 6 अगस्त को पूरा हो चुका है। सारे डेटा भी ऑनलाइन अपलोड कर दिए गए हैं। इसके बाद याचिकाकर्ता ने डेटा रिलीज करवाने की मांग की थी। वही इस मामले पर लालू ने कहा कि बीजेपी और संघ दोनों नहीं चाहते हैं कि गणना हो। बीजेपी का जन्म ही पिछड़ा विरोध में हुआ है। बीजेपी कभी भी नहीं चाहती कि वंचित वर्गों का सामाजिक और आर्थिक उत्थान हो। इसके साथ बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इन लोगों (बीजेपी) को कोई ज्ञान नहीं है। ज्ञान है तो सिर्फ झूठ बोलने का। सच्ची बातों को दबाना। अपने एजेंडा को बाहर लाना।

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