अगर भाजपा 1947 को आजादी का दिन नहीं मानती तो पीएम को लालकिले से झंडा फहराने से क्यों नहीं रोकती : जदयू

पटना। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष द्वारा 1947 में मिली आजादी को नकारने पर क्षोभ प्रकट करते हुए जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता राजीव रंजन ने इसे देशविरोधी वक्तव्य करार दिया। उन्होंने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस को महोत्सव की तरह मनाने और इस दिन हर घर तिरंगा लगाने की अपील करते रहते हैं वहीं दूसरी तरफ उनकी ही पार्टी के नेता खुले मंच से इस दिन को ही नकार रहे हैं। भाजपा द्वारा देश की आजादी की तिथि को नकारना न केवल महात्मा गांधी, भगतसिंह, चन्द्रशेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोस जैसे स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है बल्कि यह देश से प्यार करने वाले 140 करोड़ देशवासियों के मुंह पर करारा तमाचा है। भाजपा को कटघरे में खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि यदि भाजपा 15 अगस्त 1947 को देश की आजादी का दिन नहीं मानती तो उनके नेता इस दिन अपने कार्यालय में झंडा फहरा लंबे-लंबे भाषण क्यों देते हैं? वह बताये कि अगर वह इस दिन को आजादी नहीं मानती तो वह प्रधानमंत्री मोदी को लालकिले से झंडा फहराने से क्यों नहीं रोक देती? उन्होंने पूछा कि अगर भाजपा इस दिन को नहीं मानती तो प्रधानमंत्री मोदी को आजादी का अमृत महोत्सव मनाने से क्यों नहीं रोकती? भाजपा को बताना चाहिए कि प्रधानमंत्री मोदी सही हैं कि उनके प्रदेश अध्यक्ष? वास्तव में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का बयान दिल की बात जुबान पर आने जैसा मामला है। पूरा देश जानता है कि भाजपा के कर्णधारों का देश की आजादी में कोई योगदान नहीं रहा। न तो इनके किसी तत्कालीन नेता ने देश के लिए शहादत दी और न ही कोई जेल गये। ऐसे में यह लोग देश की आजादी को महत्व क्यों देंगे। वास्तव में भाजपा का यह बयान उनके पाखंड और पार्टी में बढ रहे प्रधानमंत्री मोदी के विरोध दोनों को दशार्ता है। यह दिखाता है कि भाजपा में गुटबाजी इस कदर हावी है कि अब उनके नेता सीधे प्रधानमंत्री मोदी का कद कम करने के प्रयासों में जुट चुके हैं। इसके अतिरिक्त यह भाजपा नेताओं की कथनी और करनी के अंतर और उनके पाखंड को भी दशार्ता है।

You may have missed