हरिवंश बुलाने पर भी मीटिंग में नहीं आते, शायद उन्हें किसी ने मना किया हो : ललन सिंह

  • जदयू कार्यकारणी से हरिवंश का पत्ता कटने के बाद बोले ललन सिंह, कहा- इशारों में प्रधानमंत्री पर किया हमला

पटना। जेडीयू की राष्ट्रीय टीम से राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश का पत्ता कटने के बाद इसको लेकर सियासत तेज हो गई है। इसी बीच जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में हरिवंश को शामिल नहीं किए जाने पर ललन सिंह ने बड़ा खुलासा किया है। ललन सिंह ने कहा है कि जब से जेडीयू महागठबंधन में शामिल हुई हैं तब से हरिवंश पार्टी के किसी भी मीटिंग में शामिल नही हुए हैं और बुलाने पर भी नहीं आते हैं, हो सकता है प्रधानमंत्री ने उन्हें मना कर दिया होगा। ललन सिंह ने कहा कि 9 अगस्त 2022 को जब से जेडीयू एनडीए से अलग हुई तब से आजतक हरिवंश पार्टी की किसी बैठक में शामिल नहीं होते हैं। जब संसद का सत्र चलता है उस वक्त पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक में भी वे नहीं आते हैं। ललन सिंह ने कहा कि हो सकता है कि एनडीए से जेडीयू के अलग होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें मना किया होगा कि वे जेडीयू की किसी बैठक में नहीं जाएं, इसलिए वे किसी भी बैठक में नहीं आते हैं हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा का उपसभापति नहीं बनाया है बल्कि क्षेत्रिय पार्टियों के वोट के बल पर हरिवंश राज्यसभा में उप सभापति बनें हैं। राज्यसभा में बीजेपी को बहुमत नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी क्षेत्रिय पार्टियों को फोन कर उनके लिए वोट मांगा तब जाकर हरिवंश राज्यसभा में उप सभापति बनें। हो सकता है कि एनडीए से अलग होने के बाद सरकार ने उनको कहा होगा कि वे किसी बैठक में नहीं जाएं, इसलिए किसी भी बैठक में नहीं आते हैं। ललन सिंह ने कहा कि हरिवंश अभी तकनीकी रूप से जेडीयू से बाहर नहीं जा सकते हैं। 9 अगस्त के पहले हर बैठक में हरिवंश शामिल होते थे। मुख्यमंत्री ने पटना में पिछले दिनों राय विचार करने के लिए बैठक बुलाई थी उसमें भी वे नहीं आए थे।

वही आने वाले चुनाव को लेकर जेडीयू ने पार्टी की 98 सदस्यीय नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन किया है। खास बात यह है कि जदयू की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी से राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश का नाम गायब हो गया है। हरिवंश को छोड़कर संसद के दोनों सदनों के जेडीयू सदस्य और बिहार के जेडीयू कोटे के मंत्रियों के नाम जेडीयू की जंबो टीम में शामिल है। ऐसे में बिहार के सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि बीजेपी से हरिवंश की जनदीकी को लेकर पार्टी ने यह कार्रवाई की है।

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