जे.पी.शुक्ला लॉ इंस्टीट्यूट में संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित की गई कार्यशाला

पटना राष्ट्रीय स्तर पर शांति व्यवस्था, प्रशासनिक पारदर्शिता,सामाजिक न्याय, सद्भाव,न्याय-व्यवस्था एवं प्रभावकारी प्रशासन एवं प्रबंधन तभी संभव हो सकता है।जब सामान्य नागरिक संविधान के मूलभूत सिद्धांतों मूल्य एवं प्रावधानों का इमानदारी पूर्वक सम्मान करते हुए शत प्रतिशत अपने कर्तव्यों एवं जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में समर्थ हो।किसी भी राष्ट्र का संविधान ही धार्मिक,सामाजिक एवं प्रशासनिक सामंजस्य स्थापित करने का महत्वपूर्ण कार्यपालक सिद्धांत एवं व्यवहार का मूल मंत्र होता है।राष्ट्रीय विकास एवं सामाजिक समरसता एवं विधि-विधान सम्मत व्यवस्था मूलक समाज के निर्माण के रूप सशक्त कड़ी का आधार संविधान होता है।अतः इसका अनुपालन अक्षर सामान्य नागरिकों बुद्धिजीवियों कार्यपालक पदाधिकारियों युवा वर्ग तथा अन्य नागरिकों के द्वारा आवश्यक है। उपरोक्त विचार जे पी शुक्ला लॉ इंस्टिट्यूट पटना के तत्वावधान में राष्ट्रीय संविधान दिवस पर आयोजित कार्यशाला का उद्घघाटन करते हुए टी जी ओ विश्वविद्यालय नागालैंड के कुलाधिपति प्रोफेसर यू के सिंह ने व्यक्त किया।प्रारंभ में आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्थान के निदेशक एवं कार्यपालक सचिव प्रोफ़ेसर संजय शुक्ला ने बताया कि शीघ्र जेपी शुक्ला लॉ इंस्टिट्यूट के द्वारा पटना,मुजफ्फरपुर,मुंगेर,भागलपुर गया,छपरा तथा बक्सर में कानूनी सहायता केंद्र की स्थापना की जा रही है। जिसके द्वारा जरूरतमंद नागरिकों, महिलाओं,छात्र-छात्राओं को उचित कानूनी सहायता एवं मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जाएगा।कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए भाजपा के वरीय नेता विनोद शर्मा ने कहा कि प्राइमरी से विश्वविद्यालय स्तर तक संविधान का शिक्षण एवं प्रशिक्षण निश्चित रूप से अनिवार्य कराया जाना चाहिए।कार्यशाला में पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता अजीत कुमार शुक्ला, सच्चिदानंद शर्मा,श्री विनोदानंद मिश्र, श्री सचिन ठाकुर, श्री पंकज पांडे ,प्रोफेसर राकेश कुमार कंप्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष प्रोफेसर एके नायक आदि ने विचार व्यक्त किया।इस अवसर पर काफी संख्या में छात्र-छात्राएं समाजसेवी बुद्धिजीवी कार्यपालक पदाधिकारी गण अधिवक्ता एवं युवा वर्ग के लोग उपस्थित थे। अंत में एल एन मिश्र संस्थान पटना के पूर्व रजिस्ट्रार डॉ जगदानंद झा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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