उपेन्द्र कुशवाहा का आमरण अनशन शुरू, कांग्रेस, हम और वीआईपी का मिला समर्थन

सरकार ने संज्ञान नहीं लिया तो 29 नवंबर से बैठेंगे अनशन पर : मुकेश सहनी

पटना। पटना के मिलर हाई स्कूल में शिक्षा सुधार वरना जीना बेकार संकल्प के साथ रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा द्वारा आमरण अनशन को कांग्रेस और विकासशील इंसान पार्टी ने अपना समर्थन दिया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और वीआईपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी अनशन स्थल पर जाकर उपेन्द्र कुशवाहा के साथ अनशन पर बैठकर अनशन को समर्थन दिया। सन ऑफ़ मल्लाह ने कहा कि अगर बिहार सरकार द्वारा उपेन्द्र कुशवाहा के अनशन पर संज्ञान लेकर शिक्षा को लेकर कार्य शुरू नहीं किया गया तो 29 नवंबर से वे भी अनशन पर बैठेंगे। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में सहनी ने कहा कि वर्तमान समय में सरकारों द्वारा शिक्षा पर लगातार प्रहार किया जा रहा है। शिक्षण संस्थानों पर हमले लगातार जारी हैं तथा शिक्षा बजट में कटौती जारी है। राज्य में शिक्षा की स्थिति अत्यंत नाजुक है तथा शिक्षण संस्थानों ने लापरवाही तथा भ्रष्टाचार चरम पर है। उन्होंने कहा कि सरकार की उदासीनता से आज प्रदेश के लाखों बच्चे शिक्षा प्राप्त कर सकने में अक्षम हैं। सरकारी विद्यालयों में पठन-पाठन कार्य बाधित है तथा शिक्षण अपने अधिकार के लिए लड़ रहे हैं, सरकार शिक्षा के प्रति पूरी तरह उदासीन होकर आँखे मुंदी हुई है। बिहार के डबल इंजन की सरकार विकास के हर मोर्चे पर फेल हुई है। सरकार के नेता अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के चक्कर में सरकारी योजनाओं का लाभ लेने से जनता को वंचित रखते हैं। करीब 6.2 करोड़ की आबादी वाले राज्य गुजरात में 8 लाख 64 हजार मरीजों ने आयुष्मान योजना का लाभ उठाया। वहीं करीब 11 करोड़ की आबादी वाले राज्य बिहार में सिर्फ 90 हजार 620 मरीजों ने ही इस योजना का लाभ उठाया। जबकि बिहार में मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है और उस अनुपात में स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाने में राज्य सरकार पूरी तरह असफल रही है। साथ ही बिहार सरकार ने आयुष्मान योजना का प्रचार-प्रसार ठीक ढंग से नहीं किया, जिसके कारण बिहार के अत्यंत कम मरीज ही इस योजना का लाभ उठा पाए।
हम बिहार सरकार तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछना चाहते हैं कि करीब 11 करोड़ की आबादी वाले राज्य में आयुष्मान योजना के तहत सिर्फ 89 करोड़ की राशि खर्च करने का क्या मतलब है? सरकार द्वारा इस योजना का प्रचार-प्रसार ठीक ढंग से क्यों नहीं किया गया? एक तरफ तो ये सरकार राज्य के नागरिकों को उचित स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाने में पूरी तरह विफल है वहीं दूसरी तरह सरकार द्वारा स्वास्थ्य जैसे अत्यंत अहम मामले में भी जनता को सरकार योजना का लाभ उठाने में मदद नहीं की जा रही. बिहार सरकार को इसका जवाब देना होगा।