हड़कंप : दानापुर कोर्ट में पेशी के बाद पुलिस हिरासत से सात कैदी फरार, कई थानों की पुलिस छापेमारी में जुटी

दानापुर। पटना पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था को धत्ता बताते हुए सात कैदी पुलिस हिरासत से भाग गए। दानापुर न्यायालय ने सभी को जेल भेजने का फरमान सुनाया था। इधर एक बार में सात कैदियों के फरार होने से पटना के प्रशासन में हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि फरार होने वाले सभी कैदी पटना जिले के पालीगंज के सिगोड़ी थाना कांड संख्या 72/21 में आरोपित हैं। इनके फरार होने की सूचना मिलते ही दानापुर पुलिस सहित कई थानों की पुलिस को फरार कैदियों के खोजबीन में लगा दिया गया है। पुलिस के वरीय अधिकारी लगातार इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इस मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही को देखते हुए कई पुलिसकर्मियों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है।
सिगोड़ी प्रभारी थानाध्यक्ष ने बताया कि दानापुर न्यायालय से कैदी फरार होने की सूचना वरीय अधिकारियों से मिलते ही कई थाना के पुलिस बल के साथ आरोपितों के गांव की घेराबंदी कर छापेमारी शुरू कर दी गयी है। पुलिस ने आरोपितों के कई स्वजनों से पूछताछ की है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक स्वजनों की निशानदेही पर जगह-जगह पर रिश्तेदारों के यहां सादे लिबास में पुलिस कर्मियों को तैनात कर दिया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार सिगोड़ी थाना के नरौली गांव में बिजली के विवाद को लेकर दो पक्षों में मार्च महीने में मारपीट एवं गोलीबारी की घटना घटी थी। इस मामले में दर्जन भर से अधिक लोगों पर प्राथमिकी दर्ज हुई थी। पुलिस दबिश से परेशान होकर मामले के सात नामजद आरोपितों ने मंगलवार को दानापुर व्यवहार न्यायालय में सरेंडर किया। कोर्ट ने सभी को पुलिस अभिरक्षा में देने के साथ ही जेल भेजने का आदेश दिया था। पुलिसकर्मी जब इन्हें कैदी वाहन के पास लेकर जा रहे थे, तभी सभी फरार हो गए। फरार अपराधियों में सिगोड़ी के नरौली मढ़िया गांव के जट्टा यादव के 4 बेटे सोनू यादव, लल्लू यादव, सिद्धनाथ यादव, उपेन्द्र यादव और सिद्धनाथ यादव के 3 बेटे चन्दन कुमार, मुकुल कुमार और राजकुमार यादव शामिल हैं। ये सभी एक पक्ष के लोग हैं। इन्होंने दूसरे पक्ष के लोगों को बुरी तरह से पीटा था। तब से ये सातों आरोपी फरार चल रहे थे।
कोर्ट से जुड़े लोगों की मानें तो इन सभी ने कोर्ट से जमानत मिल जाने की उम्मीद में सरेंडर किया था। लेकिन कोर्ट ने इन्हें जेल भेजने की इजाजत दे दी। इधर, पुलिस वाले इस बात से बेफिक्र थे कि इन लोगों ने खुद ही सरेंडर किया है। इसी गलतफहमी का फायदा उठाकर सभी आरोपित भाग निकले।

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