कैबिनेट की बैठक में 49 एजेंडों पर मुहर: होमगार्ड जवानों का भत्ता बढ़ा, 33630 रुपए मिलेंगे, 3200 नए पदों पर होगी बहाली
पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही सरकार ने जनता और विभिन्न वर्गों के हित में कई बड़े फैसले लिए हैं। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में कुल 49 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। इनमें सबसे प्रमुख फैसले नौकरियों की बहाली, होमगार्ड जवानों के भत्ते में बढ़ोतरी, ग्राम कचहरी सचिवों के मानदेय में इजाफा और अनुसूचित जाति-जनजाति व पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए नई योजनाओं से जुड़े हैं। इन निर्णयों से न केवल सरकारी तंत्र में नई ऊर्जा का संचार होगा बल्कि युवाओं, कर्मचारियों और विद्यार्थियों को सीधा लाभ मिलेगा। कैबिनेट की बैठक में राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया कि विभिन्न विभागों में कुल 3200 नए पदों पर बहाली की जाएगी। इससे बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे और विभागों में लंबे समय से चली आ रही कर्मियों की कमी को दूर किया जा सकेगा। माना जा रहा है कि चुनावी माहौल में यह फैसला युवाओं को खासा आकर्षित करेगा। बैठक का सबसे अहम और चर्चा का विषय होमगार्ड जवानों का डेली भत्ता रहा। अब तक इन्हें प्रतिदिन 774 रुपये मिलते थे, लेकिन इसे बढ़ाकर 1121 रुपये कर दिया गया है। यानी पहले महीने भर में होमगार्ड को 23,220 रुपये मिलते थे, जबकि अब उन्हें 33,630 रुपये मिलेंगे। इस निर्णय से राज्य के हजारों होमगार्ड जवानों को प्रत्यक्ष आर्थिक लाभ मिलेगा। लंबे समय से वे अपने भत्ते में बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे, जिसे सरकार ने अब मान लिया है।

ग्राम कचहरी सचिवों का मानदेय बढ़ा
ग्राम स्तर पर कार्यरत कचहरी सचिवों को भी सरकार ने राहत दी है। उनका मासिक मानदेय पहले 6000 रुपये था, जिसे बढ़ाकर अब 9000 रुपये कर दिया गया है। ग्रामीण प्रशासन में ग्राम कचहरी सचिवों की अहम भूमिका होती है और मानदेय में बढ़ोतरी से उनके कामकाज में और अधिक सक्रियता आने की उम्मीद है।
अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए 40 नए आवासीय विद्यालय
कैबिनेट ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के बच्चों के लिए 40 नए आवासीय विद्यालयों को मंजूरी दी है। इन विद्यालयों में शिक्षण और प्रबंधन के लिए 1800 नए पद सृजित किए जाएंगे। इससे न केवल शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी बल्कि रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।. इसी क्रम में गोपालगंज जिले के बैकुण्ठपुर प्रखंड में डॉ. भीमराव अंबेडकर आवासीय विद्यालय के लिए 720 छात्रों की क्षमता वाला भवन बनाने की स्वीकृति दी गई है। इसके निर्माण पर लगभग 65.80 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह विद्यालय कमजोर तबकों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के फैसले
बैठक में पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के छात्रों के लिए भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। प्रधानमंत्री यशस्वी योजना (PM-YASASVI) के तहत अब राज्य के सरकारी और मान्यता प्राप्त निजी संस्थानों में पढ़ने वाले ओबीसी छात्रों को पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। इस पर हर साल करीब 231.67 करोड़ रुपये खर्च होंगे।इसके अलावा जो छात्र इस योजना के दायरे से बाहर रह जाएंगे, उन्हें ‘मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग छात्रवृत्ति योजना-2023’ के अंतर्गत लाभ दिया जाएगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी योग्य छात्र आर्थिक तंगी के कारण शिक्षा से वंचित न रह जाए।
चुनावी परिप्रेक्ष्य में निर्णय
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ये सभी फैसले चुनावी माहौल को ध्यान में रखकर लिए गए हैं। होमगार्ड जवान, ग्राम कचहरी सचिव, पिछड़े वर्ग और दलित-आदिवासी समाज से जुड़े छात्र, ये सभी वर्ग चुनावी दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण हैं। सरकार ने एक ही बैठक में इन सभी तबकों को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया है। नीतीश सरकार की कैबिनेट बैठक में लिए गए 49 निर्णयों में रोजगार, शिक्षा और कल्याणकारी योजनाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। 3200 नए पदों पर बहाली से युवाओं को नौकरी मिलेगी, होमगार्ड जवानों और ग्राम कचहरी सचिवों की आय बढ़ेगी, दलित-आदिवासी बच्चों को बेहतर शिक्षा के अवसर मिलेंगे और पिछड़े वर्ग के छात्रों को उच्च शिक्षा जारी रखने में आर्थिक सहारा मिलेगा। इन फैसलों से साफ है कि सरकार एक ओर प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने की दिशा में कदम उठा रही है, तो दूसरी ओर सामाजिक न्याय और कल्याणकारी राज्य की अवधारणा को भी आगे बढ़ा रही है।

