छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में 22 नक्सलियों को मार गिराया, हथियार और शव बरामद, ऑपरेशन जारी

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई दो अलग-अलग मुठभेड़ों में 22 नक्सली मारे गए हैं। इनमें से 18 नक्सली बीजापुर जिले में और 4 कांकेर जिले में मारे गए। सुरक्षा बलों ने इन नक्सलियों के शव बरामद कर लिए हैं, जिनमें से कई के पास से अत्याधुनिक हथियार भी मिले हैं। इस कार्रवाई के दौरान डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड का एक जवान शहीद हो गया, जबकि नारायणपुर-दंतेवाड़ा बॉर्डर के पास एक आईईडी विस्फोट में दो अन्य जवान घायल हो गए।
गुप्त सूचना पर सुरक्षा बलों का बड़ा ऑपरेशन
सुरक्षा बलों को गुप्त सूचना मिली थी कि गंगालूर इलाके में बड़ी संख्या में नक्सली मौजूद हैं। इस आधार पर पुलिस ने बीजापुर और दंतेवाड़ा बॉर्डर पर संयुक्त ऑपरेशन शुरू किया। जवानों ने बुधवार को एंड्री इलाके को घेर लिया था, और गुरुवार सुबह से ही मुठभेड़ शुरू हो गई। जवानों ने नक्सलियों के बड़े कैडर्स को चारों ओर से घेर रखा है, और दोनों ओर से गोलीबारी अब भी जारी है।
लगातार जारी मुठभेड़ और सुरक्षा बलों की रणनीति
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने इस ऑपरेशन की पुष्टि की है और बताया कि सुरक्षा बल अभी भी इलाके में सक्रिय हैं। बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव ने कहा कि जब तक मुठभेड़ समाप्त नहीं हो जाती, तब तक पूरी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाएगी। वहीं, दंतेवाड़ा एसपी गौरव राय ने बताया कि हिरोली से भी जवान इस ऑपरेशन में शामिल हुए हैं और मुठभेड़ लगातार जारी है।
बीते महीनों में सुरक्षा बलों की बड़ी सफलताएं
छत्तीसगढ़ पुलिस के अनुसार, 2024 में अब तक विभिन्न मुठभेड़ों में 71 नक्सली मारे जा चुके हैं। पूरे वर्ष की बात करें तो करीब 300 नक्सलियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया है, और 290 हथियार जब्त किए गए हैं। एक महीने पहले छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमा पर हुए एक बड़े अभियान में 1000 से अधिक जवानों ने हिस्सा लिया था और 31 नक्सलियों को मार गिराया था। इस मुठभेड़ के दौरान सभी 31 नक्सलियों के शव बरामद किए गए थे। यह मुठभेड़ बीजापुर जिले के इंद्रावती नेशनल पार्क क्षेत्र में हुई थी, जिसमें डीआरजी और एसटीएफ के एक-एक जवान शहीद हुए थे।
सुरक्षा बलों का बढ़ता प्रभाव
इस साल अब तक हुए ऑपरेशनों में सुरक्षा बलों को महत्वपूर्ण सफलता मिली है। नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस और विशेष बलों की रणनीतिक कार्रवाई का असर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। सुरक्षा बल लगातार नक्सलियों के गढ़ में घुसकर अभियान चला रहे हैं और उन्हें भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में लगातार चल रहे इन अभियानों से नक्सलियों की शक्ति कमजोर हो रही है। सुरक्षा एजेंसियां अब पहले से अधिक सतर्क और संगठित रूप से काम कर रही हैं, जिससे भविष्य में इस तरह की कार्रवाइयों की संभावना बनी हुई है।
