पटना समेत प्रदेश की कई रूटों पर चलेगी 180 नई इलेक्ट्रिक बसें, अगस्त से शुरू होगा परिचालन

पटना। बिहार सरकार राज्य की परिवहन व्यवस्था को आधुनिक और पर्यावरण अनुकूल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। राजधानी पटना समेत राज्य के विभिन्न शहरों और प्रखंडों में कुल 180 इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है। यह परियोजना अगस्त के अंतिम सप्ताह से शुरू हो जाएगी, जिससे प्रदेश के लोगों को सार्वजनिक परिवहन में एक नया विकल्प मिलेगा।
पटना के प्रमुख रूटों पर चलेगी 80 बसें
राजधानी पटना में बेली रोड, दानापुर, फुलवारी एम्स, दीघा, बिहटा, मनेर और पटना सिटी जैसे प्रमुख रूटों पर कुल 80 इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी। ये रूट राजधानी में रोजाना लाखों यात्रियों की आवाजाही का केंद्र हैं। ऐसे में इलेक्ट्रिक बसों के शुरू होने से ना सिर्फ लोगों को राहत मिलेगी बल्कि ट्रैफिक पर भी असर पड़ेगा।
ग्रामीण प्रखंडों में भी पहुंचेगी सुविधा
पटना जिले के मसौढ़ी, नौबतपुर, पालीगंज जैसे ग्रामीण प्रखंडों को भी इस योजना में शामिल किया गया है। इन क्षेत्रों में करीब 30 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा ताकि ग्रामीण आबादी को भी सस्ता, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल यातायात साधन मिल सके।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की तैयारी
इलेक्ट्रिक बसों के सुचारु संचालन के लिए राज्य सरकार चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी ध्यान दे रही है। गया, भागलपुर, पूर्णिया, मुजफ्फरपुर और पटना में चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है। पटना में विशेष रूप से फुलवारीशरीफ परिवहन परिसर और बैरिया बस टर्मिनल में बड़े चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना की जाएगी। एक स्टेशन पर एक साथ 30 बसें चार्ज की जा सकेंगी।
तकनीकी रूप से उन्नत होंगी बसें
नई इलेक्ट्रिक बसें आधुनिक तकनीकों से सुसज्जित होंगी। एक घंटे की चार्जिंग के बाद ये बसें लगभग 250 किलोमीटर की दूरी तय कर सकेंगी। हालांकि, ट्रैफिक वाले क्षेत्रों में इसकी माइलेज थोड़ी कम हो सकती है। बसों में यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए सीसीटीवी कैमरे, लाइव ट्रैकिंग सिस्टम और महिलाओं की सुरक्षा के लिए पैनिक बटन जैसी सुविधाएं दी जाएंगी।
सुरक्षा और निगरानी की व्यवस्था
बसों में लगाए गए सभी सुरक्षा उपकरणों का नियंत्रण परिवहन निगम के कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से किया जाएगा। किसी भी आपात स्थिति में यहां से निगरानी कर तत्काल सहायता उपलब्ध कराई जा सकेगी। यह प्रणाली यात्रियों को एक अतिरिक्त सुरक्षा भावना प्रदान करेगी।
प्रदूषण पर नियंत्रण और रोजगार का साधन
इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से डीजल बसों की संख्या में कमी आएगी जिससे वायु प्रदूषण में स्पष्ट कमी आएगी। साथ ही, इससे इलेक्ट्रिक वाहनों के रखरखाव, संचालन और चार्जिंग स्टेशन पर काम के नए अवसर पैदा होंगे। यह योजना न केवल पर्यावरण की दृष्टि से उपयोगी है, बल्कि यह आर्थिक रूप से भी लाभकारी सिद्ध होगी। बिहार में इलेक्ट्रिक बसों की शुरुआत न केवल सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव लाएगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण और नागरिकों की सुविधा की दिशा में भी यह एक सराहनीय पहल है। सरकार के इस कदम से प्रदेश के लाखों लोगों को लाभ मिलेगा और बिहार की छवि एक आधुनिक और सतत विकासशील राज्य के रूप में उभरेगी।

You may have missed