पटना के 148 बालू घाटों की होगी ई-नीलामी, विभाग की अधिसूचना जारी, अवैध खनन पर लगेगी लगाम

पटना। पटना में लंबे समय से चल रहे बालू संकट और अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए बिहार सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। खनन एवं भूतत्व विभाग द्वारा पटना जिले की चार प्रमुख नदियों – गंगा, सोन, पुनपुन और दरधा – के कुल 148 बालू घाटों की ई-नीलामी के लिए अधिसूचना जारी की गई है। यह प्रक्रिया अगले पांच वर्षों के लिए होगी, जिससे सरकार को राजस्व मिलेगा और निर्माण कार्यों के लिए वैध व सस्ती दर पर बालू उपलब्ध कराया जा सकेगा।
गंगा और सोन नदी के घाटों की सबसे ज्यादा मांग
जिले में जिन घाटों की नीलामी की जा रही है, उनमें गंगा और सोन नदी के घाट प्रमुख हैं। इन दोनों नदियों के पीले और सफेद बालू की मांग बिहार में बहुत अधिक है। पुनपुन और दरधा नदियों के कुछ घाटों की नीलामी पहले ही हो चुकी है, लेकिन अब बाकी बचे घाटों को भी इसमें शामिल कर लिया गया है। जिला प्रशासन ने सभी घाटों को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटा है ताकि छोटे व्यवसायी भी इस नीलामी प्रक्रिया में भाग ले सकें।
छोटे निवेशकों को मिलेगा मौका
इस बार की नीलामी प्रक्रिया में खास ध्यान छोटे निवेशकों को अवसर देने पर दिया गया है। पूर्व में बड़े ठेकेदार ही अधिकतर घाटों की नीलामी में भाग लेते थे, जिससे छोटे व्यापारियों को अवसर नहीं मिल पाता था। घाटों को पांच एकड़ के टुकड़ों में विभाजित कर दिया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को भाग लेने का मौका मिल सके। साथ ही, सभी घाटों को पहले ही पर्यावरणीय मंजूरी मिल चुकी है, जिससे पर्यावरण पर असर कम होने का दावा किया जा रहा है।
ऑनलाइन प्रक्रिया और अंतिम तिथि
ई-नीलामी की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी। इच्छुक बोलीदाता 15 मई 2025 से सुबह 11 बजे से निविदा दस्तावेज डाउनलोड कर सकते हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 12 जून 2025 शाम 4 बजे तक रखी गई है। सफल बोलीदाताओं को नवंबर 2025 से खनन कार्य शुरू करने की अनुमति मिल जाएगी। यह अनुमति 2030 तक वैध रहेगी।
अवैध खनन की पुरानी समस्या
पटना सहित पूरे बिहार में अवैध बालू खनन एक पुरानी और गंभीर समस्या रही है। 2023 में तत्कालीन जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने खनन टास्क फोर्स की बैठक में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके तहत अप्रैल से जुलाई 2023 तक 172 छापेमारी कर 414 वाहनों को जब्त किया गया और 48 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना वसूला गया था। इसके बावजूद अवैध खनन पूरी तरह नहीं रुक सका।
नए नियम और जुर्माने की व्यवस्था
बिहार सरकार ने 2024 में नए नियम लागू किए हैं, जिसके तहत पहली बार अवैध खनन पकड़े जाने पर 5 लाख और दूसरी बार पर 10 लाख रुपये का जुर्माना तय किया गया है। बार-बार उल्लंघन करने पर लाइसेंस रद्द करने की भी व्यवस्था है। सरकार को उम्मीद है कि ई-नीलामी की प्रक्रिया से वैध खनन को बढ़ावा मिलेगा और अवैध खनन पर प्रभावी नियंत्रण हो सकेगा।
नियमों का पालन और प्रशासन की भूमिका
हालांकि, सबसे बड़ा सवाल यही है कि इन नियमों का पालन जमीनी स्तर पर कितनी ईमानदारी से होगा। पूर्व में कई बार पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत की शिकायतें सामने आई हैं, जो अवैध खनन को बढ़ावा देती रही हैं। ऐसे में यदि निगरानी और पारदर्शिता नहीं रखी गई, तो यह पूरी प्रक्रिया सिर्फ एक औपचारिकता बनकर रह सकती है।

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