14 अप्रैल से कम होगा कोरोना का प्रभाव : आचार्य राकेश झा

पटना। भारतीय ज्योतिष विज्ञान परिषद के सदस्य ज्योतिषाचार्य राकेश झा ने बताया कि जब से राहु ने आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश किया है तभी से कोरोना वायरस का इस दुनिया मे संक्रमण फैला है। राहु का गोचर मिथुन राशि व आर्द्रा नक्षत्र में चल रहा है। मिथुन राशि वायु तत्व राशि होती है। और आर्द्रा का अर्थ भी नमी होता है। राहु वायरस है। और इसका विस्तार वायु व नमी में ही बहुत तेजी से होता है। इसलिए राहु को मिथुन राशि व आर्द्रा नक्षत्र में सबसे ज्यादा बलशाली भी माना जाता है। आर्द्रा नक्षत्र के मध्य में इसका ज्यादा प्रभाव रहेगा और नक्षत्र के लास्ट में इसका प्रभाव भी कम हो जाएगा। इसका असर 14 अप्रैल से कम होना शुरू हो जाएगा। 14 मई के बाद जब सूर्य बलशाली और राहु कमजोर हो जायेगा तब इस महामारी से मुक्ति मिलेगी।

ये ग्रह हैं इस महामारी के कारक

आचार्य झा ने ज्योतिषीय गणना के आधार पर बताया कि शनि, राहु तथा केतु ये तीनों ग्रह अप्रत्याशित परिणामों के कारक हैं। शनि जब अपनी स्वराशि में आता है तो अप्रत्याशित घटनाओं को उत्पन्न करता है। वर्तमान में शनि अपनी स्वराशि मकर में स्थित है। इस वर्ष 24 जनवरी को शनि इस राशि में आया था। ज्योतिषीय गणना के अनुसार शनि इस महामारी का कारक है। इसके अलावा चंद्रमा इस बीमारी को फैलाने में अपनी भूमिका निभा रहा है। क्योंकि समुद्र और समुद्र से संबंधित चीजों के लिए चंद्रमा उत्तरदायी है। साथ ही मंगल और केतु भी गुरु के साथ धनु राशि में बैठे हैं जो कि इस स्थिति को गंभीर बना रहे हैं। परंतु 22 मार्च 2020 को जब मंगल शनि की राशि मकर में प्रवेश करेगा तो परिस्थितियां और भी गंभीर हो सकती हैं।

पहले भी हुई है ऐसी भयावह स्थिति

ज्योतिषी राकेश झा ने कहा कि सन 1312 में जब शनि मकर राशि में आया था तब पूरा यूरोप प्लेग जैसी महामारी से ग्रसित हो गया था। इस महामारी ने करीब 7.5 करोड़ लोगों को मौत की नींद सुला दी थी। साल 1666 में भी शनि का मकर राशि में होना पुनः दुनिया के लिए बड़ा खतरा बना। इस दौरान प्लेग के कारण केवल लंदन की 20 फीसदी आबादी खत्म हो गई थी। फिर उन्नीसवीं सदी में भी शनि के अपनी स्वराशि में परिवर्तन से करोड़ों लोगों की मौतें हुई थी।

गुरु का राशि परिवर्तन करेगा इस महामारी का खात्मा

आचार्य झा के मुताबिक देव गुरु बृहस्पति इस महीने के 30 को राशि परिवर्तन कर रहे हैं। गुरु का राशि परिवर्तन इस महामारी का काल बन सकता है। बृहस्पति का मकर में प्रवेश शनि-मंगल के इस प्रकोप को खत्म करेगा। शनि-बृहस्पति की युति इस महामारी को कमजोर कर देगी। वहीं 4 मई 2020 को जब मंगल मकर से कुंभ राशि में जाएगा तब इस वायरस का प्रभाव बहुत ही कम हो जाएगा।

कोरोना वायरस से बचने का ज्योतिषीय उपाय:-

1. अधिक मात्रा में जल ग्रहण करे। गर्म या गुनगुने पानी का सेवन फायदेमंद रहेगा।
2. प्रतिदिन अपने घरो में गंगाजल में गुलाबजल या इत्र मिलाकर इसका छिड़काव करें।
3. महामृत्युंजय मंत्र, गायत्री मंत्र, वेदोक्त मंत्र का जाप तथा आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें।
4. रुद्राभिषेक करते समय गंगाजल और दूध में हल्दी मिलाकर करें।
5. कर्पूर, लौंग, गुगुल, जावित्री ,घी आदि को मिलाकर अपने घरो में जलाकर चारों तरफ दिखाएं।
6. हवन सामग्री में नवग्रह की लकड़ी तथा गाय के गोबर से बने उपले का प्रयोग बेहतर साबित होगा।
7. लौंग, इलायची एवं नीम के पत्ते का सेवन करें।
8. जीव कारक गुरु को प्रबल करने लिए जल में हल्दी मिलाकर स्नान करें।

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