फतुहा में पुनपुन नदी पर बना 127 साल पुराना ऐतिहासिक पुल हुआ ध्वस्त, ओवरलोडेड ट्रक की वजह से हादसा

फतुहा। पटना के फतुहा में पुनपुन नदी पर बना 127 साल पुराना ऐतिहासिक पुल गुरूवार की दोपहर एक ओवरलोडेड ट्रक के गुजरने से को धराशायी हो गया। वहीं पुल के टूटने से ओवरलोडेड ट्रक नदी किनारे गिर गया। पुल का गार्टर पूरी तरह से पाया से हट गया है। दक्षिणी हिस्सा पूरी तरह से डैमेज हो गया है। पुल इस तरह से टूटी है कि पैदल भी कोई आ-जा नहीं सकता है। इस तरह पुल के टूट जाने से फतुहा का शहरी इलाका दो अलग-अलग भागों में बंट गया है। इस हादसे के तुरंत बाद मौके पर स्थानीय लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। ट्रक के नीचे गिरने से उसके ड्राइवर और खलासी को सिर व शरीर के दूसरे हिस्सों में गंभीर चोट आई है। स्थानीय लोगों की मदद से दोनों घायलों को इलाज के लिए फतुहा के ही पीएचसी में भर्ती कराया गया है। सूचना मिलने पर फतुहा थाना की पुलिस पहुंच कर भीड़ को हटाया और लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुल के दोनों तरफ से बांस-बल्ला लगाकर बैरिकेडिंग कर दिया गया। फतुहा थानेदार मनोज कुमार सिंह के अनुसार ट्रक के ऊपर त्रिपाल लगा है। उसके अंदर क्या लोड है? यह अभी पता नहीं चला है। अगर पथ निर्माण विभाग की तरफ से लिखित शिकायत की जाएगी तो एफआईआर भी दर्ज होगी।
अंग्रेजों के बनवाए पुल का है धार्मिक महत्व
उल्लेखनीय है कि यह पुल साल 1894 में अंग्रेजों ने पुनपुन नदी के ऊपर बनाया था। पूर्वी दिशा के इलाकों को यही पुल पहले राजधानी पटना से जोड़ता था। जब जनसंख्या और फिर उसके हिसाब से गाड़ियों की संख्या बढ़ी तो सरकार ने फतुहा में ही पुनपुन नदी पर दूसरा पुल बनवाया। जब पटना-बख्तियारपुर फोरलेन बना तो पुनपुन नदी पर तीसरा पुल भी बना। लेकिन, अंग्रेजों के जमाने में बने इस पुल की महत्ता कम नहीं हुई। अब इस पुल के टूट जाने से फतुहा में गोविंदपुर और समसपुर को जोड़ने वाले इस पुल से होकर ही लोग त्रिवेणी घाट जाते हैं। जिसका धार्मिक और पर्यटन, दोनों ही मामलों में महत्व काफी बड़ा है। अब इस पुल के टूटने से स्थानीय लोगों को परेशानी होगी। लोगों को अब मोजीपुर हाट के रास्ते से घूम कर आना-जाना पड़ेगा। फतुहा बाजार जाने के लिए समसपुर के लोगों को अब 4 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ जाएगी।

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