बिहार में सरस्वती पूजा की धूम : पटना में 500 से अधिक जगहों पर स्थापित हुई मूर्तियां, छात्र-छात्राओं ने जमकर मचाया धमाल

पटना। पूरे बिहार में माता सरस्वती की पूजा श्रद्धा और उल्लास से की गई। पटना के लगभग 500 से अधिक कोचिंग, कॉलेज और स्कूलों में पूजा का आयोजन किया गया। कोरोना काल में यह पहली पूजा है, जिसमें लोगों ने एक साथ पूजा-अर्चना की। प्रशासन से छूट मिलने के बाद इस बार दुर्गा पूजा की तुलना में 10 गुना अधिक जगहों पर माता सरस्वती की पूजा का आयोजन किया गया। लोग सुबह से ही वीणावादिनी की पूजा में शामिल होने पहुंचे, वहीं घरों में भी छात्रों ने मां सरस्वती की अराधना किया। पूजा के बाद कई जगहों पर छात्राओं ने जमकर धमाल मचाया। अबीर-गुलाल लगाने के बाद डांस और मस्ती की। इस दौरान शहर में विधि व्यवस्था मॉनिटरिंग के लिए 55 मजिस्ट्रेट, 55 पुलिस अधिकारी के साथ 500 से अधिक पुलिस बल को तैनात किया गया। पटना विवि समेत अन्य हॉस्टलों के आसपास मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति की गई।


पूजा के बाद मस्ती
एनएमसीएच नर्सिंग स्कूल में मां सरस्वती की पूरे विधि विधान से पूजा हुई। छात्राओं ने बंगाली स्टाइल में साड़ी पहन कर पूजा-अर्चना की। सरस्वती माता के जयकारे के साथ आरती हुआ और शंखनाद गूंजे। इसके बाद छात्राओं की टोली ने जमकर मस्ती की। रंग-गुलाल लगाकर एक-दूसरे को छात्राओं ने वसंत पंचमी की शुभकामनाएं दीं। लाल और सफेद साड़ी थीम पर छात्राएं पहुंची थी।
बच्चों का हुआ विद्यारंभ संस्कार
कई पूजा पंडालों में बच्चों का विद्यारंभ संस्कार कराया गया। मंत्रोच्चार के साथ माता सरस्वती की वंदना करते हुए राजधानी के बच्चों ने पहली बार पेंसिल उठाई। पंडित जी ने उन्हें स्लेट और पेंसिल पकड़ा कर उनका विद्यारंभ संस्कार कराया। इस संस्कार के तहत बच्चों को कलम या पेंसिल पकड़ाई जाती है। अन्य संस्कारों की तरह ही इसमें पूरे विधान के साथ विद्या की देवी के सामने बच्चे विद्या ग्रहण करने का संकल्प लेते हैं।
छात्रों ने बनाई आकर्षक रंगोली
विभिन्न जगहों पर आयोजित पूजा को भव्य बनाने के लिए छात्र जुटे दिखे। कई जगहों पर अबीर-गुलाल और फूलों से रंगोली बनाई गई। पूरे पंडाल को गुब्बारे और लाइट से सजाया गया। माता की छोटी से बड़ी प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं।
मास्क में विद्या की आराधना
कोरोना का कहर किस कदर लोगों पर बरपा, इससे कोई अनजान नहीं है। पटना सिटी में लोग इसका ख्याल रख रहे हैं। पूजा-अर्चना के लिए पंडालों में आ रहे लोग मास्क में दिखे। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक ने इस रूल को फॉलो किया।

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