लोजपा की राजद की ‘बी’ पार्टी होने के अलावा और कोई उपलब्धि नहीं : जदयू

अल्पसंख्यकों के नाम पर राजद-कांग्रेस ने घड़ियाली आंसू बहाये


पटना। जदयू-लोजपा में वाकयुद्ध तेज हो गया है। लोजपा द्वारा जदयू पर किए जा रहे एक-एक वार का जवाब जदयू नेताओं द्वारा दिया जा रहा है। गुरूवार को जदयू एमएलसी और राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने लोजपा को राजद की बी पार्टी करार दिया।
राजीव रंजन ने लोजपा प्रमुख चिराग पासवान को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि लोजपा की बिहार में राजद की बी पार्टी होने के अलावा और कोई उपलब्धि नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा, राघोपुर में इनके प्रतिनिधि ने सभी पोल खोल दिये हैं। जब स्व. रामविलास पासवान जीवित थे, तब भी लोजपा बिहार की मुख्य पार्टी नहीं थी और अब तो वे भी नहीं हैं। श्री रंजन पटना के जदयू मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता संबोधित कर रहे थे। वंशवाद की राजनीती पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, एक तरफ चिराग पासवान दूसरी तरफ तेजस्वी यादव और तीसरे दिल्ली में बैठे युवराज, ये लड़ाई लोकतंत्र बनाम वंशवाद की है। श्री प्रसाद ने कहा, “अल्पसंख्यंक समुदाय के कल्याण के नाम पर कांग्रेस और राजद दोनों मिलकर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। एक बात साफ कर देना चाहता हूं चाहे नीतीश कुमार महागठबंधन में रहे हों या एनडीए में इस समुदाय के विकास के साथ उन्होंने कभी समझौता नहीं किया।”
चिराग पासवान के बयान को बेबुनियाद बताते हुए उन्होंने कहा, 45 वर्षों के अपने संसदीय जीवन में नीतीश कुमार ने जो संवेदनशीलता दिखाई है और जो उनका व्यक्तित्व और उनकी छवि रही है, आज तक उनपर कोई आरोप नहीं लगा है, लेकिन कुछ लोग उन्हें आज जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं, 10 तारीख का हवाला दे रहे हैं, जिसका जमीनी स्तर पर कोई औचित्य नहीं है।
श्री प्रसाद ने बिहार में उद्योग बढ़ाने के लिए अपनी पार्टी की प्रतिबद्धता और रोडमैप के बारे में बताते हुए कहा, “जितने भी हमारे उत्पाद हैं चाहे वह लीची हो, मखाना हो या कतरनी चावल हो, इनके ब्रांडिंग की पूरी योजना बनाई जा चुकी है। स्टेट के एसआईपी ने 1000 यूनिट्स का क्लीयरेंस दिया है और 68 इंडस्ट्रियल एरिया तो अभी से चालू हैं ही। वहीं महिला सशक्तीकरण पर कहा कि आज महिलाओं की श्रेष्ठता बिहार में स्थापित हुई है और एक गृहस्वामिनी के तौर पर उनके फैसलों को मर्द भी अंगीकार करते हैं। ये सीएम नीतीश के फैसलों का नतीजा है।
वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता अफाक अहमद ने राजद-कांग्रेस पर अल्पसंख्यकों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाने का आरोप लगाते हुए कहा, मैं उनसे सिर्फ इतना पूछना चाहता हूं की 2004-05 तक अल्पसंख्यक कल्याण के लिए केवल साढ़े 3 करोड़ का बजट क्यों था? आज वही बजट 450 करोड़ रुपया हो गया है। राजद और कांग्रेस के लोग अल्पसंख्यकों को लेकर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं, उनको बरगला रहे हैं।

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