बिहार के 14 जिलों में प्राइवेट सेक्टर में इलाज कराने वाले टीबी रोगियों को मिल रही मुफ्त दवाएं और डायग्नोस्टिक

पटना। बिहार को टीबी मुक्त बनाने हेतु एक अहम कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने घोषणा की है कि प्रदेश के 14 जिलों में प्राइवेट सेक्टर में इलाज करा रहे टीबी रोगियों को दवाएं और डायग्नोस्टिक नि:शुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है। यह कदम हाल ही में लांच किए गए प्राइवेट सेक्टर ऐंगेजमेंट प्रोग्राम के तहत उठाया गया है। अब तक सिर्फ सरकारी अस्पतालों में इलाज करा रहे रोगियों को मुफ्त दवाएं मिल रही थी। गौरतलब है कि बहुत बड़ी तादाद में मरीज प्राइवेट सेक्टर में इलाज कराते हैं। सरकार के इस कदम से पटना, गया, भागलपुर, भोजपुर, बेगुसराय, गोपालगंज, समस्तीपुर, नालंदा, सिवान, कटिहार, मुंगेर, सहरसा, पश्चिम चम्पारण और वैशाली के टीबी मरीजों को लाभ होगा। वर्ष 2019 में सरकार को 1,22,594 टीबी रोगियों के बारे में अधिसूचित किया गया था, जिनमें से 44,568 की सूचना प्राइवेट सेक्टर द्वारा दी गई थी। बिहार सरकार के स्टेट टीबी आफिसर डॉ. केएन सहाय ने कहा, टीबी मुक्त बिहार के ध्येय को पूरा करने के लिए यह आवश्यक है कि राज्य में प्राइवेट हैल्थकेयर सेक्टर को अपने साथ लेकर उसे अपना सहयोगी बनाया जाए।
निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत टीबी रोगियों को उपचार की अवधि के दौरान प्रत्येक रोगी को 500 रुपए पोषण सहायता राशि बैंक खातों में सीधे अंतरित की जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों के चिकित्सकों सहित निजी प्रदाताओं द्वारा टीबी रोगी को अधिसूचित कराये जाने पर प्रति रोगी 500 रूपये दिया जा रहा है साथ ही रोगी का पूरा उपचार होने पर प्रदाता को डीबीटी के माध्यम से 500 रूपये की अतिरिक्त धनराशि भी दी जा रही है।

You may have missed