बिहार के डीजीपी ने भी माना: थाने के संरक्षण से ही बिकती है शराब

औरंगाबाद। थानेदार और चौकीदार चाहेंगे तभी राज्य में पूर्ण रूप से शराबबंदी लागू हो सकेगी। थानेदार और चौकीदार जिस दिन जाग जाएंगे, उसी दिन से शराब की तस्करी रुक जाएगी। यह कहना है बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय का। डीजीपी औरंगाबाद समाहरणालय स्थित नगर भवन में शांति सह निगरानी समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने यह भी माना कि थाने के संरक्षण के बिना कोई एक बोतल भी शराब नहीं बेच सकता है। साथ ही उन्होंने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि शराब से संबंधित मामले में जो भी संलिप्त होंगे वे सीधे जेल भेजे जाएंगे। उन्होंने कहा कि नशामुक्ति अभियान तभी सफल होगा, जब पुलिस और समाज के हर वर्ग के लोग मदद करेंगे। सदस्यों के कर्तव्यों को बताते हुए कहा कि आपके जिम्मे दो काम है। पहला- गांव व समाज को नशामुक्त बनाएं और दूसरा- गांव में छोटे-मोटे विवादों को सुलझाएं। उसके बाद मामलों की जांच कर थानाध्यक्ष और अंचलाधिकारी को अवगत कराएं। डीजीपी ने कहा कि जिस घर में सास अपनी बहू को बेटी की तरह और बहू अपनी सास को मां की तरह समझेंगी, वहां कभी विवाद नहीं होगा तो घर की तरक्की होगी। कहा कि समाज से मजहब, संप्रदाय, जात और पात का भेदभाव समाप्त होना चाहिए। नौजवान समाज में शांति और सद्भाव कायम करने में अपना योगदान दें।
गौरतलब है कि बिहार में शराबबंदी कानून लागू है। लेकिन शराब का धंधा शहर के गली-मुहल्लों, गांवों व कस्बों में बेरोकटोक चल रहा है। प्रतिदिन बिहार में शराब की बड़ी-बड़ी खेप पकड़ी जा रही है। आश्चर्य की बात तो यह है कि शराब के मामले में कई पुलिसकर्मियों पर केस हुआ है तो कई सलाखों के भीतर भेजे जा चुके हैं।

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