PATNA : फर्जी डिग्री के आधार पर नियुक्त हैं एक लाख से ज्यादा शिक्षक, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार मांगा जवाब

पटना। बिहार के प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में एक लाख से ज्यादा शिक्षक फर्जी डिग्रियों के आधार नियुक्त हैं, जिससे बिहार की शिक्षा व्यवस्था दिन-प्रतिदिन गिरती जा रही है। इस शिक्षकों की नियुक्तियां 2006 से लेकर 2010-11 के बीच विभिन्न स्कूलों में बड़े पैमाने पर फर्जी डिग्रियों के आधार पर थोक भाव में की गई थीं। इस संबंध में पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि आखिरकार फर्जी डिग्री के आधार पर कब तक शिक्षकों को कार्यरत रखा जाएगा? इस सवाल का जवाब राज्य सरकार को नये साल में 9 जनवरी तक देने के लिए कहा गया है। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय खंडपीठ ने रंजीत पंडित की लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह भी कहा कि जवाब नहीं आने पर यह समझा जाएगा कि सरकार को कुछ नहीं कहना है। राज्य सरकार को यह आखिरी मोहलत दी गई है।
इस बाबत अधिवक्ता दीनू कुमार ने कहा कि विजिलेंस ने हाथ खड़ा कर लिया है जबकि ऐसे शिक्षकों की संख्या 1,10,400 है। इन कथित शिक्षकों का फोल्डर शिक्षा विभाग विजिलेंस को नहीं सौप रही है, जबकि 2008 में मुख्य सचिव ने कहा था कि जब तक सर्टिफिकेट की जांच नहीं होगी, वेतन नहीं दिया जाएगा। अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि राज्य के स्कूलों में बड़े पैमाने पर फर्जी डिग्री के आधार पर शिक्षक नौकरी कर रहे हैं। ऐसे शिक्षकों की संख्या एक लाख से ज्यादा है। निगरानी विभाग की ओर से कहा गया कि ऐसे अवैध रूप से सरकारी सेवा में बने शिक्षकों के मामले की जांच में बाधा का सामना करना पड़ रहा है। अभी तक उन शिक्षकों का फोल्डर भी पूरे तौर पर उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। इस मामले पर अगली सुनवाई आगामी 9 जनवरी को होगी।

About Post Author

You may have missed