प्रवासी मजदूरों की दुर्घटनाओं में हो रही मौत दुखद, माले नेताओं ने जताया शोक

फुलवारी शरीफ। फुलवारी में भाकपा माले प्रखंड कमेटी की बैठक पलंगा में संपन्न हुई, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों में हो रही प्रवासी मजदूरों की दुर्घटनाओं में मौत के लिए सरकार की नीतियों को जिम्मेवार ठहराया गया। पहले प्रवासी मजदूरों की मौत पर 2 मिनट का मौन रखकर शोक जताया गया। माले नेताओं ने बैठक में लॉक डाउन में बदली हुई परिस्थितियों पर आंदोलन के रूप रेखा तैयार किया। भाकपा माले वरिष्ठ नेता व खेमस प्रखंड अध्यक्ष कामरेड शरिफा मांझी ने कहा कि नीतीश मोदी सरकार ने घोषणा किया था कि बगैर राशन कार्ड धारियों को 9 दिन में कार्ड बनेगा और राशन मिलेगा लेकिन अभी तक गांव में कहीं भी नहीं कार्ड बन पाया है और न ही राशन मिला है। उन्होंने सरकार को गरीब मजदूर किसान विरोधी बताते हुए कहा कि पेपर मीडिया के माध्यम से सिर्फ झुठा घोषणा कर रहे हैं। इसके आलावा लॉक डाउन में प्रत्येक मजदूर को 10 हजार रुपए भत्ता देने, मजदूर किसान के बिजली बिल माफ करने के लिए आंदोलन करने की बात हुई। मजदूर विरोधी रवैया के कारण लगातार प्रवासी मजदूरों की मौत हो रही है, इसलिए इसके खिलाफ 19 मई को अपने-अपने घरों में विरोध दिवस मनाया जाएगा। बैठक में मनरेगा मजदूर सभा के फुलवारी संयोजक ललिन पासवान छोटू मांझी, मंटू साह, भोला चौधरी, निर्मला देवी, देवी लाल पासवान, खेमस प्रखंड सचिव कामरेड साधु शरण प्रसाद, इंकलाबी नौजवान सभा के जिलाध्यक्ष, भाकपा माले प्रखंड सचिव कॉ. गुरुदेव दास सहित दर्जनों लोग शामिल थे।
