नीतू नवगीत की गायकी ने जमाया रंग : मंगाई दा छपरा से चुनरिया छींट वाली

छपरा। रिमझिम बारिश वाले मौसम में सारण भोजपुरिया समाज के फेसबुक पेज पर लोक गायिका नीतू कुमारी नवगीत ने गणेश वंदना, गंगा स्तुति, विवाह गीत, पचरा, झूमर, कजरी, देवी गीत और शिव वंदना से ऐसा माहौल बनाया कि लोग लोकगीतों की वर्षा में भींगते रहे। 10,000 से अधिक लोगों ने इस कार्यक्रम को फेसबुक पर देखा। गायिका नीतू कुमारी नवगीत ने अपने कार्यक्रम की शुरूआत गणेश वंदना मंगल के दाता रउआ बिगड़ी बनाई जी से की और उसके बाद एक पचरा के माध्यम से मां गंगे को नमन किया- चलली गंगोत्री से गंगा मैया जग के करे उद्धार। वर्षा ऋतु कजरी गीतों के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। नीतू नवगीत ने कार्यक्रम में मोरे भईया अइले अनबईया को सवनवां में ना जयबो ननदी और कैसे खेले जयबू सावन में कजरिया बदरिया घिर आईल ननदी सुनाया जिस पर लोग खूब झूमे। पटना से बैदा बुलाई द, कौने देसे गइला बलमुआ, कौने रंगे वृंदा हो बनवां कौने रंगे जमुना, पटना से पाजेब बलम जी आरा से होठलाली मंगाई दा छपरा से चुनरिया छींट वाली, हरेरामा गोकुल का रहने वाला कन्हैया बड़ा रारी ए हरि जैसे पारंपरिक गीतों को लोगों ने खूब पसंद किया। आनलाइन कार्यक्रम में नीतू नवगीत ने भोला के देखेला बेकल भइले जियरा और डिम डिम डमरू बजावे ला हमार जोगिया गाकर बाबा भोलेनाथ को याद किया। कार्यक्रम में उन्होंने देवी माता की स्तुति करते हुए लाली चुनरिया शोभे हो शोभे लाली टिकुलिया गाया, जिसे खूब पसंद किया गया। कार्यक्रम का संयोजन बिमलेंदु भूषण पांडेय ने किया। कार्यक्रम के दौरान ज्वाला सिंह, चंदा वर्मा, अरविंद श्रीवास्तव, मधुबाला सिन्हा, रामेश्वर गोप, दिवाकर उपाध्याय, ठाकुर शैलेश समदर्शी, अर्चना शर्मा, मंजू श्रीवास्तव, रीना राय, सुभाष पांडे, गणपति सिंह गीत, संजय मिश्रा संजय, सुनील कुमार उपाध्याय, देवेंद्र नाथ तिवारी, राम प्रकाश तिवारी, प्रीति कुशवाहा सहित करीब दस हजार लोगों की आनलाइन उपस्थिति रही।

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