निर्भया कांड: नया डेथ वारंट जारी, अब 1 फरवरी को होगी दोषियों को फांसी

CENTRAL DESK : देश की राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को पैरा मेडिकल की छात्रा निर्भया के साथ हुई दिल दहला देने वाली देश की चर्चित निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड मामले में दिल्ली की पटियाला कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी कर दिया है। नए डेथ वारंट के अनुसार अब चारों दोषियों को 1 फरवरी की सुबह 6 बजे फांसी दी जाएगी। उधर, निर्भया के दोषी पवन ने फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। यह जानकारी पवन के वकील एपी सिंह ने दी है।
दोषी मुकेश की दया याचिका खारिज
इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया केस में चारों दोषियों के लिए 22 जनवरी का डेथ वारंट जारी किया गया था। चारों दोषियों में से एक मुकेश कुमार ने राष्ट्रपति के पास के पास दया याचिका दायर की थी, जो कि शुक्रवार को खारिज हो गई। दया याचिका खारिज होने के बाद भी फांसी देने के लिए 14 दिन का नोटिस दिया जाता है। ऐसे में मुकेश सिंह के पास फांसी से बचने का अंतिम रास्ता भी बंद हो गया और मुकेश को फांसी लगना तय है। वहीं, गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका खारिज होने के बाद अब फाइल दिल्ली सरकार के पास भेज दी है। बता दें कि मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजने के साथ उसे खारिज करने की भी सिफारिश गृह मंत्रालय की ओर से की गई थी। इस पर अमल करते हुए राष्ट्रपति की ओर यह याचिका खारिज की गई। बता दें इससे पहले दिल्ली सरकार की ओर याचिका खारिज करने की अपील करते हुए इसे उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास भेजा गया था। यह याचिका राष्ट्रपति के पास तिहाड़ प्रशासन के जरिये दिल्ली सरकार फिर उपराज्यपाल और फिर केंद्रीय गृह मंत्रालय होते हुए राष्ट्रपति के पास पहुंची थी।
फांसी लगना तय!
किसी भी दोषी के पास फांसी की सजा मिलने के बाद कुल तीन विकल्प होते हैं। पहला पुनर्विचार याचिका, दूसरा क्यूरेटिव पेटिशन और तीसरा और अंतिम विकल्प होता है- राष्ट्रपति के पास दया याचिका। ऐसे में चारों में से जहां एक विनय कुमार शर्मा की दो यानी पुनर्विचार और क्यूरेटिव पेटिशन खारिज हो चुकी है, जबकि राष्ट्रपति के पास दया याचिका लंबित है। दूसरे दोषी मुकेश सिंह की पुनर्विचार, क्यूरिटव पेटिशन भी खारिज हो चुकी है और शुक्रवार को राष्ट्रपति के पास दया याचिका खारिज हो चुकी है। ऐसे में उसको फांसी लगना तय है।
निर्भया कांड पर उबल गया था देश
बताते चले कि 16 दिसंबर को पैरा मेडिकल की छात्रा निर्भया के साथ दक्षिण दिल्ली के वंसत विहार इलाके में चलती बस में मौजूद ड्राइवर राम सिंह, एक नाबालिग के अलावा अक्षय सिंह कुमार, विनय कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता और मुकेश सिंह ने दरिंदगी की थी। इसी के साथ निर्भया को मानसिक और शारीरिक कष्ट इस कदर दिया कि इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इसके बाद पूरे देश में गुस्से की लहर दौड़ गई थी और पूरे देश में प्रदर्शन हुए। इसको देखते हुए केंद्र सरकार के निर्देश पर फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चला था।

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