जागरूकता से ही कैंसर रोग पर किया जा सकता है काबू: निदेशक एम्स

फुलवारीशरीफ। पटना एम्स के निदेशक डॉ. प्रभात कुमार सिंह ने कहा कि कैंसर रोग पर अगर काबू पाना है तो समाज में जागरूकता लानी होगी, तब ही कैंसर रोगियों की कमी आएगी। मंगलवार को पटना एम्स के रेडियोथेरेपी विभाग की ओर से विश्व कैंसर दिवस पर आयोजित अनवरत चिकित्सा शिक्षा सह जागरूकता कार्यक्रम का उदघाटन करते हुए निदेशक ने कहा कि हार्ट अटैक बिमारी के बाद कैंसर रोग दूसरे नंबर पर आता है। एम्स रेडियोथेरेपी विभाग की हेड डॉ. प्रीतांजलि सिंह ने कहा कि 4 फरवरी को हर साल विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। साल 2020 कैंसर की थीम है ‘मैं हूं और मैं रहूंगा’। उन्होंने ने कहा कि कैंसर से पीड़ित व्यक्ति कैंसर से किसी भी हालत में लड़ सकता है। दुनियाभर में हर साल कैंसर से कई मौतें होती हैं। कैंसर लाइलाज नहीं हैं, कैंसर का इलाज संभव है। अगर आप जागरुक हैं और सही समय पर इलाज करवाते हैं तो आप कैंसर को हरा सकते हैं। कैंसर कई तरह के होते हैं लेकिन 4 कैंसर ऐसे हैं जो काफी कॉमन हैं और खतरनाक भी हैं। यह कैंसर भारतीय आबादी को सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं। उनमें फेफड़े, स्तन, ग्रीवा और कोलोरेक्टल कैंसर हैं।
बीएचयू वाराणसी के रेडियोथेरेपी के हेड प्रोफेसर डॉक्टर यूपी शाही ने कहा कि कैंसर को निदान, उपचार और रोकथाम के लिए बहुस्तरीय समझ की जरूरत है। आईएमएस हैदराबाद के निदेशक सह सर्जन प्रोफेसर डॉ. पी रघुराम ने कहा कि स्तन कैंसर की स्क्रीनिंग के लिए मैमोग्राफी एकमात्र तरीका है, जिससे जान बचाई जा सकती है, पर यह एकदम स्टीक नहीं है। मैमोग्राफी द्वारा पहचान से बच निकले कैंसर रोगियों की संख्या आमतौर पर 10 से 30 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि स्तन कैंसर के शुरूआती पता लगाने के लिए महत्वपूर्ण उपकरण में एक महिलाओं की स्क्रीनिंग है। एम्स मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. सी एम सिंह, डीन डॉ. नीरज अग्रवाल , डॉ. बिन्दे, डॉ. जगजीत पांडेय, डॉ. बसब बागची ने अपने-अपने विचार साझा किये। इस आवास पर नुक्कड़ नाटक का भी आयोजन छात्राओं द्वारा किया गया।
