जमाखोरों व कालाबाजारी करने वाले चेत जाएं, वर्ना कार्रवाई को तैयार रहें

CENTRAL DESK : राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के मद्देनजर उत्पादन में कमी और श्रम संकट के बीच जिस तरह से आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी और कालाबाजारी हो रही है, वैसे लोग चेत जाएं वर्ना कार्रवाई को तैयार हो जाएं। क्योंकि गृह मंत्रालय ने अपनी आंखें तरेर ली है।
केंद्र ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी और कालाबाजारी कर रहे लोगों के खिलाफ कड़े कानून के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए। राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के मद्देनजर उत्पादन में कमी और श्रम संकट के चलते इस तरह के कृत्यों की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकार केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि गृह मंत्रालय ने 21 दिन के लॉकडाउन की अवधि में आपदा प्रबंधन कानून के तहत खाद्य पदार्थों, दवाओं और चिकित्सा उपकरणों जैसी आवश्यक वस्तुओं के संदर्भ में उत्पादन, परिवहन और अन्य संबंधित आपूर्ति श्रृंखला गतिविधियों की मंजूरी दी है।
हालांकि विभिन्न कारकों, खासकर श्रम आपूर्ति में कमी की वजह से उत्पादन में कमी की खबरें हैं। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी और कालाबाजारी, अनुचित व्यापार और इन्हें अधिक दाम में बेचने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों से आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 लागू कर आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए तुरंत कदम उठाने को कहा है। उन्होंने कहा कि कदमों में भंडारण सीमा तय करने, मूल्य सीमा निर्धारित करने, उत्पादन बढ़ाने, डीलरों के खातों की जांच करने और अन्य उपाय शामिल हैं। भल्ला ने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत आने वाले अपराधों में दोषी पाए जाने पर सात साल की कैद या जुर्माना अथवा दोनों हो सकते हैं। गृह सचिव ने कहा कि उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय 30 जून 2020 तक आवश्यकता या केंद्र सरकार की पूर्व सहमति में ढिलाई देते हुए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत आदेश अधिसूचित करने को अधिकृत कर रहा है।
