कांग्रेस ने कहा- PM मोदी को कृषि कानून को प्रतिष्ठा का प्रश्न नहीं बनाना चाहिए

पटना। आज देश में सबसे बड़ी समस्या किसान आंदोलन की है। किसान को और अधिक सुविधा एवं अधिकार देने के बदले उनकी जायज मांगें भी छीनी गई है। नये कृषि कानून के प्रावधान के तहत किसान अदालत नहीं जा सकते हैं। वहीं बिहार प्रभारी भक्त चरण दास बिहार के विभिन्न जिलों का दौरा कर कांग्रेसजनों को कृषि कानून के बारे में जागरूक कर रहे हैं। उक्त बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के महासचिव पूर्व केन्द्रीय मंत्री तारिक अनवर ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में पत्रकारों से संवाद के दौरान कहा।
उन्होंने कहा कि देश की 65 प्रतिशत आबादी कृषि पर आधारित है, लेकिन प्रधानमंत्री अन्नदाता को प्रताड़ित कर रहे हैं। केन्द्र की भाजपा सरकार किसानों को प्रताड़ित करने के लिये उनके रास्ते में कील ठोक रहे हैं तथा उनके धरना स्थल पर पानी एवं बिजली का संबंध विच्छेद कर दिया है।
श्री अनवर ने कहा कि केन्द्र सरकार के मंत्री कह रहे हैं कि किसान आंदोलन पंजाब तक ही सीमित है, लेकिन वास्तविकता यह है कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र एवं अन्य राज्यों के किसान इसमें बड़ी संख्या में शामिल हैं। यहीं नहीं, अब विदेशों से भी किसान आंदोलन के समर्थन में आवाजें आ रही हैं और यह अन्तर्राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है। श्री अनवर ने कहा कि प्रधानमंत्री को कृषि कानून को प्रतिष्ठा का प्रश्न नहीं बनाना चाहिये तथा तीनों कृषि बिल को वापस लेना चाहिये एवं एमएसपी को कानूनी प्रावधान दिया जाना चाहिये।
उन्होंने कहा कि आज बिहार एवं केन्द्र में एक ही पार्टी की डबल इंजन की सरकार है लेकिन बिहार को विशेष राज्य के मुद्दे को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भूल गये हैं। वहीं उन्होंने बिहार सरकार के उक्त आदेश को आलोकतांत्रिक कदम बताया, जिसमें युवाओं को किसी आंदोलन में शामिल होने पर उन्हें सरकारी नौकरी से वंचित होने की चेतावनी दी गई है।
इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष श्याम सुन्दर सिंह धीरज, एचके वर्मा, प्रवक्ता राजेश राठौड़, पूर्व विधायक गजानन्द शाही, किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय सिंह, जमाल अहमद भल्ल, वशी अख्तर उपस्थित थे।

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