बिहार में एससी-एसटी एक्ट मामलों में बढ़ोतरी चिंताजनक-केंद्रीय मंत्री
पटना।केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता राज्यमंत्री श्री रामदास अठावले ने बिहार राज्य में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम के तहत दर्ज मामलों की बढ़ी हुई संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए उम्मीद जताया है कि राज्य सरकार दलितों की सुरक्षा और विकास के लिए और बेहतर काम करेगी।
अनुसूचित जाति और दिव्यांगों की राज्य सरकार में नियुक्तियों की स्थिति और सामाजिक न्याय मंत्रालय की योजनाओं के कार्यान्वयन पर केंद्रीय मंत्री श्री अठावले आज पटना में बिहार सरकार के आला अधिकारियों के साथ हुई एक बैठक में ये बातें कही। बैठक में उन्हें एससी-एसटी छात्रों की छात्रवृति, वृद्धों और दिव्यांगजनों के पेंशन, अंतर्जातीय विवाह करने वाले जोड़ों को सरकारी मदद एवं नौकरियों में आरक्षण जैसे विषयों पर अधिकारियों से अद्यतन जानकारी ली और चर्चा की।
अंतर्जातीय विवाह करने वालों की संख्या के बारे में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इनके आंकड़े पर्याप्त और पूर्ण रूप से एकत्रित किए जाने चाहिए ताकि सब को सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा सके। उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसे लाभार्थियों के आवेदन के आधार पर संपूर्ण आंकड़े नहीं प्राप्त हो सकते हैं। अतः मान्य वैवाहिक तरीकों जैसे कोर्ट मैरिज आदि के स्तर पर गणना करने से अंतर्जातीय विवाह के बेहतर आंकड़े मिल सकेंगे।
बाद में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि बिहार में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम के तहत वर्ष 2014 में 6560 मामले, 2015 में 6372 मामले, 2016 में 5730, 2017 में 6826 और 2018 में अब तक 4517 मामले दर्ज हुए हैं। केंद्रीय मंत्री ने पीड़ितों की संख्या को ज्यादा बताया और इस दिशा में ध्यान देने की जरूरत पर बल दिया।
राज्य में दिव्यांगों को दिए जा रहे 400 रूपये मासिक पेंशन को कम बताते हुए श्री अठावले ने इसे बढ़ाए जाने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि बिहार में लगभग 30 लाख दिव्यांग हैं जिनमें से 8 लाख को ही पेंशन दिया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस बारे में वे राज्य के मुख्यमंत्री से बात भी करेंगे। उन्होंने बताया कि 1234 अनुसूचित जातियों में से 23 जातियां बिहार में है और इनके कल्याण व सशक्तिकरण के लिए सबको मिल कर प्रयास करना होगा ताकि राज्य के विकास में सबका सहयोग प्राप्त हो सके।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बुद्ध की भूमि होने के नाते बिहार से उनका करीबी रिश्ता है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि बिहार सरकार बोधगया व अन्य बौद्ध स्थलों के विकास के लिए अच्छा काम कर रही है। उन्होंने कहा कि गया के निरंजना नदी में सालों भर पानी नहीं रहता जिससे राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों तथा श्रद्धालुओं को परेशानी होती है। केंद्रीय मंत्री ने फल्गु नदी प्राधिकरण बनाए जाने का सुझाव दिया ताकि इस दिशा में समुचित काम हो सके। उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी को उन्होंने इस बारे में एक प्रस्ताव भी दिया है। उन्होंने बताया कि बुद्धिस्ट सर्किट सड़क निर्माण के लिए 10,000 करोड़ रूपये स्वीकृत किए गए हैं जिसे सभी बौद्ध स्थलों को जोड़ा जा सके। पटना-गया फोरलेन निर्माण को महत्वपूर्ण बताते हुए आशा जताई कि यथाशीघ्र इसे पूरा कर लिया जाना चाहिए।
केंद्र सरकार की जनहित योजनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत से जनता को राहत दिए जाने हेतु इसे जीएसटी के दायरे में लाने की जरूरत बताई। उन्होंने बताया कि राज्य सरकारों के साथ इस पर सहमति बनाने के लिए आवश्यक चर्चा की जा रही है।
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