November 15, 2025

प्रभारी प्राचार्या पर गंभीर आरोप : गया के राजकीय कन्या प्लस टू की प्रभारी प्राचार्या कहती हैं सीबीआई और निगरानी विभाग तो कुछ बिगाड़ हीं नहीं पाया तो….

  • शिक्षकाओं ने राजकीय कन्या विद्यालय के प्रभारी प्राचार्या पर लगायी गंभीर आरोप, मानवाधिकार संस्था ने लिया संज्ञान

गया/पटना। बिहार के गया जिला में एक सरकारी विद्यालय के प्रभारी प्राचार्या अपनी कुर्सी का नाजायज फायदा उठाकर यहां के बच्चों और शिक्षक-शिक्षिकाओं के साथ दुर्व्यवहार करती हैं और उन पर धौंस जमाती हैं, कहती हैं सीबीआई और निगरानी विभाग तो कुछ बिगाड़ हीं नहीं पाया तो छोटा-मोटा अधिकारी मेरा क्या करेगा। प्रभारी प्राचार्या का आडियो क्लिप सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। दरअसल यह पूरा मामला गया के रमना रोड स्थित राजकीय कन्या प्लस टू का है, जहां विद्यालय के प्रभारी प्राचार्या सरोज कुमारी पर शिक्षक व शिक्षकाओं ने गंभीर आरोप लगाया है। वहीं इस मामले को नेशनल ह्यूमन राइट्स एंड पब्लिक वेलफेयर ट्रस्ट ने गंभीरता से लेते हुए अपने संज्ञान में ले लिया है और जांच व आवश्यक कार्यवाही हेतु संस्था ने उच्य पदाधिकारियों को पत्र लिखा है।
विद्यालय को बुरी तरह से चौपट कर रखी है
पूरे मामले की जानकारी देते हुए संगीत शिक्षिका के पद पर कार्यरत रत्ना राज ने शिकायत आवेदन पत्र देते हुए बताया है कि इस विद्यालय की प्रभारी प्राचार्या सरोज कुमारी एक दबंग एवं अशिष्ट महिला हैं, जो विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं को नित्य प्रति मानसिक रूप से प्रताड़ित करती रहती हैं। प्रभारी प्राचार्या विद्यालय को अपने मनोनुकूल शिक्षकों एवं अपने परिवार के सदस्यों के सहयोग से दमनकारी नीति अपनाकर विद्यालय को अलोकतांत्रिक तरीके से चला रही हैं। हमेशा विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं को डराते-धमकाते रहती हैं।


जान से मारने व नौकरी खत्म कर देने की धमकी
शिक्षिका रत्ना राज ने बताया कि बीते 26 मार्च को जब वह विद्यालय पहुंची तो उपस्थित पंजी नहीं निकला हुआ था। पुन: कुछ देर बाद जब कार्यालय में जाकर उपस्थिति पंजी पर हस्ताक्षर बनाने लगी तो मुझे हस्ताक्षर बनाने नहीं दिया गया और मेरे साथ गाली-गलौज व मारपीट की गई। इतना ही नहीं, मुझे जान से मारने व नौकरी खत्म कर देने की धमकी भी दी गई। कुछ देर बाद प्रभारी प्राचार्या के दो संबंधी आये और उन्हें गंदी नजरों से घूरते हुए भद्दी-भद्दी गाली देते हुए जान से मारने की धमकी देकर चले गये। उन्होंने बताय कि प्रभारी प्राचार्या व उनके संबंधी द्वारा इस तरह का जो व्यवहार किया गया, उससे वह अत्यधिक डर गई तथा काफी तनाव में जी रही हैं। प्रभारी प्राचार्या द्वारा किये गये अनैतिक कार्यों का समर्थन जो शिक्षक-शिक्षिकाएं नहीं करते हैं, उन्हें लज्जित कर उनके साथ दुर्यव्यवहार किया जाता है। पूर्व में भी विद्यालय में अन्य शिक्षक-शिक्षिकाओं के साथ भी इनका ऐसा हीं व्यवहार रहा है।
स्मरणीय यह है कि प्रभारी प्राचार्या अपने करीबी शिक्षक-शिक्षिकाओं व शिक्षकेतर कर्मियों को जो उनके गलत कार्यों में एवं नाजायज रुपयों की वसूली करने में मदद पहुंचाते हैं, उनकी उपस्थिति पंजी पर हस्ताक्षर बिना विद्यालय आये ही 8-10 दिन का एकमुश्त बनवा लेती हैं।
प्रभारी प्राचार्या कहती है कि मेरा कोई कुछ नही बिगाड़ सकता
शिक्षक-शिक्षिकाओं के ऊपर अपना धोंश जमाने के लिए बात-बात में कहती है कि सीबीआई और निगरानी विभाग तो कुछ बिगाड़ हीं नहीं पाया तो छोटा मोटा अधिकारी क्या करेगा।
विद्यालय के प्रांगण में प्राचार्या के पुत्र करते हैं नौटंकी
शिक्षिका ने यह भी बताया कि प्रभारी प्राचार्य विद्यालय में ही अपना निवास स्थल बनाई हुई हैं तथा विद्यालय के प्रांगण में ही उनके पुत्र के द्वारा बुलेट मोटरसाइकिल के साइलेंसर द्वारा फायरिंग करते हुए तेज आवाज निकाला जाता है। जिससे विद्यालय में उपस्थित छात्राओं व शिक्षकों में एक भय का माहौल उत्पन्न होता है। वह एक पालतू कुत्ता को भी रखी हुई हैं जिसे विद्यालय आरंभ अंतर्गत भी खुले प्रांगण में छोड़ देती हैं। कभी-कभी तो शिक्षक एवं शिक्षिकाओं के कपड़े तक को फाड़ देता है।
उच्च पदाधिकारियों को लिखा पत्र
बार-बार इस तरह के दुर्व्यवहार और धमकियों, दबंगता और तानाशाही रवैया व बातचीत करने की शैली को देखते हुए यह संदेह होता है कि इनकी शैक्षणिक एवं परिशैक्षणिक प्रमाण-पत्र की उच्चस्तरीय जांच अधिकारियों के द्वारा होनी चाहिए। साक्ष्यों के मद्देनजर इस पूरे मामले की जांच व आवश्यक कार्यवाही हेतु संस्था ने उच्च पदाधिकारियों को पत्र लिखा है ताकि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर अभिलंब संज्ञान लेते हुए विद्यालय में व्याप्त अनीति, अत्याचार व आतंक के माहौल को समाप्त कर छात्रहित में शैक्षणिक वातावरण बनाया जा सकें और जो इस कुर्सी के सही हकदार है, उन्हें ही सौपा जाए ताकि विद्यालय का नाम खराब ना हो।

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