बांका में तालाब में डूबकर 4 साल के मासूम की दर्दनाक मौत, खेलने के दौरान हुआ हादसा

बांका। बिहार के बांका जिले में मंगलवार को एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जिसने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया। धोरैया थाना क्षेत्र के महेशपुर गांव में सड़क किनारे बने तालाब में डूबकर 4 वर्षीय समद की मौत हो गई। मासूम समद मोहम्मद शाहीन का बेटा था, जो हैदराबाद में मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। घटना के बाद से गांव और परिवार में कोहराम मचा हुआ है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, मंगलवार दोपहर समद अपने हमउम्र बच्चों के साथ घर के पास खेल रहा था। खेलते-खेलते वह गांव के किनारे स्थित तालाब के पास पहुंच गया। उसी दौरान उसका संतुलन बिगड़ा और वह पानी में गिर पड़ा। घटना के समय तालाब के पास कोई वयस्क मौजूद नहीं था, जिससे तुरंत मदद नहीं मिल सकी। कुछ देर बाद गांव के ही एक बच्चे ने तालाब में समद को डूबते देखा और जोर-जोर से चिल्लाकर लोगों को बुलाया। शोर सुनकर आस-पास के लोग और परिजन मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों ने तुरंत बचाव प्रयास शुरू किया और काफी मशक्कत के बाद बच्चे को पानी से बाहर निकाला गया। उसे बेहोशी की हालत में धोरैया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद समद को मृत घोषित कर दिया। समद की मौत की खबर सुनते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। गांव के लोग परिजनों को सांत्वना देने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन परिवार का गम शब्दों में बयां नहीं हो पा रहा। घटना की सूचना समद के पिता मोहम्मद शाहीन को फोन पर दी गई। हैदराबाद में मजदूरी कर रहे शाहीन बेटे की मौत की खबर सुनकर बेसुध हो गए। वे तत्काल घर के लिए रवाना हो गए हैं। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंची। थाना अध्यक्ष अमित कुमार ने बताया कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है और मामले में आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि बच्चों को तालाब और नहरों जैसे खतरनाक स्थलों के पास अकेला न छोड़ें। गांव के लोगों ने बताया कि समद बेहद चंचल और प्यारा बच्चा था। उसकी मुस्कान और खेलकूद पूरे गांव को खुशियां देती थी। उसके यूं अचानक चले जाने से गांव में सन्नाटा पसर गया है। महिलाएं और बुजुर्ग लगातार समद की याद में रो रहे हैं। यह घटना एक बार फिर ग्रामीण इलाकों में बच्चों की सुरक्षा और निगरानी पर सवाल खड़े करती है। बांका सहित बिहार के कई गांवों में सड़क किनारे या आबादी के पास तालाब बने हुए हैं, जो अक्सर दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे तालाबों के चारों ओर सुरक्षा घेराबंदी या चेतावनी संकेत लगाने से इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता है। समद की मौत से महेशपुर गांव गहरे सदमे में है। लोग इस दर्दनाक घटना को लेकर शोकाकुल हैं और परिवार को हरसंभव मदद देने की बात कर रहे हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से भी आग्रह किया है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। मासूम समद की असमय मौत ने न केवल एक परिवार को बिखेर दिया है, बल्कि पूरे गांव को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। समद की मासूमियत और उसकी अधूरी मुस्कान अब गांव के हर व्यक्ति की स्मृतियों में हमेशा के लिए बसी रहेगी।
