मांझी का बड़ा बयान, कहा- नीतीश ने बिहार के सीएम होंगे, 160 से नीचे नहीं जाएगा एनडीए
नई दिल्ली। बिहार में चुनावी रुझानों के बीच राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने दावा किया है कि नीतीश कुमार ही बिहार के अगले मुख्यमंत्री होंगे और एनडीए किसी भी परिस्थिति में 160 सीटों से नीचे नहीं जाने वाला है। मांझी के इस बयान को चुनावी नतीजों के माहौल और एनडीए के भीतर की एकजुटता के रूप में देखा जा रहा है।
एनडीए की बढ़त पर मांझी का दावा
मांझी ने कहा कि मौजूदा रुझान बिल्कुल आश्चर्यजनक नहीं हैं। उनके अनुसार एनडीए पहले से ही मजबूत स्थिति में था और जिस तरह से चुनाव के दौरान जनता का रुझान सामने आया, उससे यह साफ हो चुका था कि गठबंधन को भारी समर्थन मिलेगा। उन्होंने कहा कि जिसने भी बिहार की जमीनी राजनीति देखी है, उसे यह समझ में आ रहा था कि जनता नीतीश कुमार के नेतृत्व पर भरोसा कर रही है।
नीतीश कुमार फिर होंगे मुख्यमंत्री
मांझी ने अपने बयान में स्पष्ट कर दिया कि मुख्यमंत्री पद को लेकर एनडीए में कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा कि गठबंधन का नेतृत्व नीतीश कुमार ही करेंगे और उनकी अगुवाई में राज्य का विकास आगे बढ़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह कोई नई बात नहीं है, बल्कि पहले से ही तय था कि यदि एनडीए की सरकार बनेगी तो नीतीश कुमार ही मुखिया होंगे। यह बयान एनडीए की एकराय को दर्शाता है और विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवालों को भी शांत करता है।
रुझानों को लेकर उत्साह
चुनाव परिणामों के शुरुआती संकेत दिखाते हैं कि एनडीए प्रचंड बहुमत की ओर बढ़ रहा है। मांझी का दावा है कि गठबंधन 160 से नीचे जाने वाला नहीं है। इस प्रकार का आत्मविश्वास चुनाव अभियान के दौरान भी नजर आया था, जब एनडीए नेताओं ने लगातार यह कहा था कि जनता उनके साथ है। रुझान आने के बाद मांझी का बयान बताता है कि वे चुनावी माहौल और जनता की नब्ज को लेकर शुरू से ही आश्वस्त थे।
राजनीतिक विश्लेषण और स्थिति
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मांझी का यह बयान केवल राजनीतिक उत्साह नहीं है, बल्कि गठबंधन की रणनीति को भी दर्शाता है। चुनाव से पहले एनडीए ने एकजुटता का प्रदर्शन किया था और विकास, शासन और स्थिरता को मुद्दा बनाया था। नीतीश कुमार की छवि, भाजपा का संगठन, और क्षेत्रीय दलों का सहयोग—इन सभी ने मिलकर गठबंधन को मजबूती दी है। ऐसे में 160 सीटों का दावा उनके आत्मविश्वास को उजागर करता है।
विपक्ष पर अप्रत्यक्ष टिप्पणी
हालांकि मांझी ने किसी विपक्षी दल का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका बयान इस ओर संकेत करता है कि वे विपक्ष की जीत के दावों को गंभीरता से नहीं लेते। चुनाव से पहले महागठबंधन ने बेरोजगारी, शिक्षा और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को उछाला था। लेकिन रुझानों से स्पष्ट है कि जनता ने इन मुद्दों पर पूरी तरह भरोसा नहीं जताया। मांझी का कहना है कि जनता ने एनडीए की नीतियों, कार्यक्रमों और नेतृत्व को अधिक विश्वसनीय माना है।
वर्तमान राजनीतिक माहौल
मौजूदा रुझानों ने बिहार में राजनीतिक उत्सुकता बढ़ा दी है। जहां एनडीए कार्यकर्ताओं में उत्साह है, वहीं विपक्षी दलों में चिंता का माहौल है। कई सीटों पर मुकाबला कड़ा है, परंतु समग्र तस्वीर एनडीए के पक्ष में दिखाई दे रही है। मांझी का यह बयान आने वाले राजनीतिक समीकरणों की झलक भी देता है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यदि एनडीए स्पष्ट बहुमत से जीत दर्ज करता है, तो गठबंधन की आंतरिक राजनीति और मजबूत होगी। जीतन राम मांझी का बयान आने वाले राजनीतिक वातावरण का संकेत है। उन्होंने साफ कहा कि नतीजे अप्रत्याशित नहीं हैं और एनडीए की जीत जनता के भरोसे का प्रमाण है। नीतीश कुमार के नेतृत्व पर जोर देकर उन्होंने गठबंधन की एकजुटता को भी मजबूत संदेश दिया है। अब अंतिम परिणामों का इंतजार है, लेकिन रुझानों और बयानों से यह स्पष्ट है कि बिहार में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनने की संभावनाएँ प्रबल हैं।


