पटना के BIA सभागार में अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन का हुआ आयोजन, कई ज्वलंत मुद्दों पर विस्तार से हुई चर्चा
पटना। रविवार को राजधानी पटना के बी.आई.ए. सभागार में अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन, बिहार इकाई का प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में बिहार के प्रत्येक विधानसभा से 200-250 प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में जिला सम्मेलन कराने, सदस्यता अभियान चलाने एवं राजनीति में वैश्यों की भागीदारी समेत कई ज्वलंत मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन, बिहार इकाई के प्रदेश अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) जगन्नाथ प्रसाद गुप्ता ने किया। वहीं बैठक के मुख्य वक्ता के तौर पर सुशील कुमार, निदेशक, प्रशासन, शिक्षा विभाग, मुख्य अतिथि डॉ. श्रीराम साह, पूर्व विभागाध्यक्ष, डेंटिस्ट (पीएमसीएच) एवं प्रो. (डॉ.) पूनम, प्राचार्य, श्री अरविन्द महिला कॉलेज, पटना शामिल थे। इस मौके पर अपने अध्यक्षीय संबोधन में अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन, बिहार इकाई के प्रदेश अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) जगन्नाथ प्रसाद गुप्ता ने कहा कि बिहार में 42 जिला संगठन बनाए गए हैं। संगठन को धार देने के लिए आगामी दो माह (दिसंबर-जनवरी) में वैश्य जिला सम्मेलन कराया जाएगा। वहीं 243 विधानसभा क्षेत्रों में से वैश्य बहुल 131 विधानसभा, जहां वैश्यों की आबादी 50 से 60 हजार है, वहां भी विधानसभा स्तर पर दिसंबर-जनवरी में सम्मेलन कराया जाएगा। साथ ही सदस्यता अभियान चलाया जाएगा, जिसमें 250 प्राथमिक सदस्य, 1100 आजीवन सदस्य और 11000 पेट्रॉन सदस्य बनाए जाने का निर्णय लिया गया है। सम्मेलन सफलतापूर्वक कराए जाने की जिम्मेदारी नियुक्त किए गए प्रदेश पदाधिकारियों को दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि बैठक में राज्य सरकार से सर्वसम्मति से मांग किया गया कि व्यवसायिक हित को ध्यान में रखते हुए व्यवसायिक आयोग का शीघ्र गठन किया जाए। साथ ही वैश्यों की जो भी उपजातियां हैं, बिहार सरकार सभी उपजातियों के लिए एक जाति प्रमाण पत्र जारी करे, जो बनिया के नाम पर हो। वहीं पटना के अन्य चौक-चौराहों पर महापुरूषों का आदमकद प्रतिमा स्थापित करने की भी मांग उठी। मुख्य वक्ता के तौर पर सुशील कुमार, निदेशक, प्रशासन, शिक्षा विभाग ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्य समाज को शिक्षा के क्षेत्र में भी आगे आना होगा। शिक्षित होकर ही वैश्यों की राजनीति में भागीदारी सुनिश्चित हो सकेगी। उन्होंने कहा कि महापुरूष डॉ. भीम राव अम्बेदकर ने कहा था कि शिक्षित बनो, संघर्ष करो और सत्ता पर काबिज करो।
वहीं मुख्य अतिथि डॉ. श्रीराम साह, पूर्व विभागाध्यक्ष, डेंटिस्ट (पीएमसीएच) ने वैश्यों की 56 उपजातियों को एक मंच पर आकर बेटी-रोटी का संबंध स्थापित करने का आह्वान किया ताकि वैश्य समाज में एकरूपता आ सके। मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ.) पूनम, प्राचार्य, श्री अरविन्द महिला कॉलेज ने वैश्य समाज की महिलाओं को संगठित होकर राजनीति के मुख्य धारा में आने का आह्वान किया। वहीं महासम्मेलन के कार्यकारी अध्यक्षों प्रिंस कुमार राजू, राजेश्वर प्र. राजेश, डॉ. अजय प्रकाश, संतोष जायसवाल, डॉ. बी नायक, वरूण प्रकाश, अमर कुमार अग्रवाल और धनजी प्रसाद ने एक स्वर में संगठन की मजबूती के लिए वैश्य समाज को राजनीति के मुख्यधारा में लाने के लिए जागृत किया।
वहीं बैठक में प्रधान महासचिव पंकज केशरी, प्रवक्ता दीपक कुमार अग्रवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार आजाद व रौशन कुमार, उपाध्यक्ष चित्तरंजन महतो व अशोक कुमार चौधरी और प्रदेश युवा अध्यक्ष रामबाबू प्र. गुप्ता ने भी अपने-अपने बातों को रखा। बैठक के बाद समाज के विशिष्ठ व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर आगंतुकों का स्वागत महासम्मेलन के प्रदेश महिला अध्यक्ष श्रीमति कृष्ण शगुन एवं उपाध्यक्ष डॉ. सुनंदा केशरी ने किया। जबकि मंच का संचालन कोषाध्यक्ष सौरभ भगत एवं डॉ. अजय प्रकाश ने किया। धन्यवाद ज्ञापन उपाध्यक्ष अवधेश भगत ने किया।

