November 12, 2025

वाराणसी से मिली देश को चार नए वंदे भारत ट्रेनों की सौगात, पीएम मोदी ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से देश को एक और बड़ी सौगात दी। उन्होंने चार नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इन ट्रेनों में काशी-खजुराहो वंदे भारत, फिरोजपुर-दिल्ली वंदे भारत, लखनऊ-सहारनपुर वंदे भारत और एर्नाकुलम-बेंगलुरु वंदे भारत शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कहा कि “विकसित भारत के लिए आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर अनिवार्य है और रेलवे इस परिवर्तन की रीढ़ बन चुका है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने दी नई दिशा की सौगात
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अब तेजी से उस दिशा में बढ़ रहा है, जहां आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर देश के आर्थिक विकास की सबसे बड़ी ताकत बनेगा। उन्होंने कहा, “दुनिया के हर विकसित देश में यह देखा गया है कि जहां इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होता है, वहां विकास की गति अपने आप तेज हो जाती है। भारत भी उसी राह पर चल रहा है। वंदे भारत जैसी ट्रेनें उसी बदलाव की मिसाल हैं।” पीएम ने बताया कि आज शुरू हुई चारों नई वंदे भारत ट्रेनें देश के चार अलग-अलग क्षेत्रों को जोड़ेंगी और यात्रियों को तेज, सुरक्षित और आरामदायक सफर का अनुभव देंगी। उन्होंने कहा कि वंदे भारत केवल एक ट्रेन नहीं बल्कि “नए भारत के आत्मनिर्भर सपनों का प्रतीक” है।
इंफ्रास्ट्रक्चर विकास से बढ़ेगी आर्थिक प्रगति
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर केवल पुल, सड़क या इमारतें नहीं हैं, बल्कि यह उस विकास प्रक्रिया की नींव है, जिस पर किसी भी राष्ट्र का भविष्य टिका होता है। उन्होंने कहा, “किसी भी शहर को बेहतर कनेक्टिविटी मिलते ही वहां विकास की रफ्तार बढ़ जाती है। व्यापार, रोजगार और पर्यटन तीनों का दायरा फैलता है।”पीएम ने यह भी कहा कि भारतीय रेलवे अब नई तकनीक और आत्मनिर्भरता के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि अब तक देश में 160 से अधिक वंदे भारत ट्रेनों का संचालन हो रहा है, जो देश के विभिन्न हिस्सों को जोड़ रही हैं और यात्रियों के समय की बचत के साथ सुविधा भी दे रही हैं।
चारों नई ट्रेनों के रूट और संचालन
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने बताया कि नई ट्रेनों के जरिए उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत को नई कनेक्टिविटी मिली है। काशी से खजुराहो वंदे भारत एक्सप्रेस मध्य भारत के धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों को जोड़ेगी। यह ट्रेन वाराणसी, प्रयागराज, चित्रकूट होते हुए खजुराहो पहुंचेगी। फिरोजपुर-दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस पंजाब और राजधानी के बीच तेज और आरामदायक यात्रा सुनिश्चित करेगी। लखनऊ-सहारनपुर वंदे भारत एक्सप्रेस पश्चिमी उत्तर प्रदेश के यात्रियों को नई कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। यह ट्रेन सोमवार को छोड़कर हफ्ते में छह दिन चलेगी। एर्नाकुलम-बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस दक्षिण भारत के दो प्रमुख शहरों के बीच व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देगी। डीआरएम गौरव अग्रवाल ने बताया कि इन ट्रेनों के परिचालन से यात्रियों का समय आधा हो जाएगा और यह ट्रेनों के नेटवर्क को और प्रभावी बनाएंगी।
वंदे भारत: भारतीय तकनीक की पहचान
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वंदे भारत ट्रेन “भारतीयों की, भारतीयों द्वारा, भारतीयों के लिए” बनाई गई है। यह ट्रेन पूरी तरह देश में निर्मित है और इसमें उच्च स्तर की तकनीक और सुरक्षा मानकों का पालन किया गया है। उन्होंने कहा कि “वंदे भारत, नमो भारत और अमृत भारत जैसी ट्रेनें भारतीय रेलवे को नई पीढ़ी की दिशा में आगे ले जा रही हैं।” पीएम ने कहा कि आज रेलवे केवल एक परिवहन माध्यम नहीं बल्कि “भारत के परिवर्तन का प्रतीक” बन चुका है। उन्होंने कहा कि इन ट्रेनों से न केवल यात्रा का अनुभव बदला है, बल्कि देश के छोटे शहरों को भी विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है।
यात्रियों में खुशी, श्रद्धालुओं को बड़ी राहत
वाराणसी में आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, श्रद्धालु और छात्र शामिल हुए। लोगों में इन नई ट्रेनों को लेकर उत्साह देखा गया। एक स्थानीय नागरिक ने कहा, “काशी से खजुराहो वंदे भारत ट्रेन से श्रद्धालुओं के लिए यात्रा अब बहुत आसान हो जाएगी। अब लोग काशी दर्शन के बाद खजुराहो जैसे ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों की यात्रा आराम से कर सकेंगे।” दूसरी ओर, लखनऊ-सहारनपुर वंदे भारत की शुरुआत से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के यात्रियों को बड़ी राहत मिली है। अब उन्हें दिल्ली या अन्य मार्गों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। वहीं, एर्नाकुलम-बेंगलुरु ट्रेन दक्षिण भारत में व्यापार और शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा योगदान देगी।
एनडीए सरकार का इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा कि एनडीए सरकार के कार्यकाल में रेलवे, हाइवे, एयरपोर्ट और पोर्ट कनेक्टिविटी को लेकर देश में अब तक का सबसे बड़ा निवेश हुआ है। उन्होंने कहा कि “पहले रेलवे की गाड़ियों का जिक्र करते ही देरी और असुविधा याद आती थी, लेकिन आज भारतीय रेलवे दक्षता, गति और सुरक्षा का प्रतीक बन गया है।” उन्होंने भरोसा जताया कि आने वाले वर्षों में वंदे भारत जैसी ट्रेनों की संख्या और बढ़ेगी। रेलवे मंत्रालय ने अगले दो वर्षों में 300 नई वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण का लक्ष्य तय किया है। वाराणसी से चार नई वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत न केवल रेलवे के आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह “विकसित भारत” के सपने को साकार करने का प्रतीक भी है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “वंदे भारत ट्रेनों के जरिये हम सिर्फ यात्रियों को नहीं जोड़ रहे, बल्कि एक नए भारत के सपनों को पंख दे रहे हैं।” इन ट्रेनों के जरिए अब देश के यात्रियों को न केवल गति और आराम मिलेगा, बल्कि भारतीय रेल का गौरव भी और ऊंचा होगा। वाराणसी से चली यह आधुनिकता की नई लहर अब पूरे देश के विकास की नई कहानी लिखने जा रही है।

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