बिहार में आयुष्मान भारत पीएम जन आरोग्य योजना के तहत 51 लाख लाभार्थियों को ई-कार्ड हुए जारी

पटना। बिहार राज्य में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत अब तक 51 लाख से अधिक लोगों को योजना के ई-कार्ड निर्गत किये जा चुके हैं। राज्य में योजना के कार्यान्वयन में यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इसके साथ 24 लाख से अधिक परिवारों में कम से कम एक सदस्य को ई-कार्ड जारी किए गए हैं, जो पात्र लाभार्थी परिवारों का 22 प्रतिशत है। उक्त योजना को बिहार राज्य सुरक्षा समिति (राज्य स्वास्थ्य एजेंसी) द्वारा बिहार राज्य में लागू किया जा रहा है। योजनान्तर्गत लाभार्थी परिवारों का लगभग 10 प्रतिशत हिस्सा (लगभग 1.08 करोड़) बिहार से है। अब तक राज्य में 51 लाख से अधिक लाभार्थियों को ई-कार्ड जारी किये गये हैं। राज्य में अस्पताल में भर्ती के 1 लाख 70 हजार से अधिक मामले, जिनका मूल्य लगभग 169 करोड़ रुपये है, को अधिकृत किया गया है।
राज्य स्वास्थ्य एजेंसी, बिहार ने दिसम्बर में पंचायती राज विभाग के 8,386 कार्यपालक सहायकों को मिशन मोड में लाभार्थी परिवारों को ई-कार्ड जारी करने का काम सौंपा है। इन कार्यपालक सहायकों द्वारा अब तक 9,32,267 ई-कार्ड जारी किए गए हैं। इसके अलावा समुदाय से संवाद बनाकर उन्हें ई-कार्ड बनाने के लिए प्रेरित करने हेतु आशा कार्यकर्ताओं को जोड़ा गया है, जिसके लिए उन्हें प्रति 20 परिवार 100 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।


संजय कुमार, प्रधान सचिव, स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि उक्त योजना के लाभार्थियों को जागरूक करने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए ई-कार्ड एक अच्छा माध्यम है। ई-कार्ड के साथए कोई भी लाभार्थी बिहार या देश के किसी भी हिस्से में किसी भी सूचीबद्ध अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकता है। हम राज्य में योजना के तहत 1.08 करोड़ परिवारों को ई-कार्ड जारी करने के दिषा में लगातार काम कर रहे हैं।
वहीं डॉ. इंदू भूषण, मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने बताया कि बिहार की टीम ने 50 लाख लाभार्थियों को ई-कार्ड उपलब्ध कराकर एक मील का पत्थर स्थापित किया है। बिहार में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे और सामाजिक-आर्थिक विकास की चुनौतियों को देखते हुए बहुत अच्छे परिणाम हासिल करने हेतु अभी लंबा सफर तय करना बाकी है। बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति योजना के लाभार्थियों को बेहतर उपचार देने के लिए विभिन्न नवीन उपायों का उपयोग कर रही है। इस दिशा में सूचीबद्ध अस्पतालों के नेटवर्क को बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा निजी अस्पतालों को लाने का प्रयास किया जा रहा है। अभी तक राज्य में इस योजना के तहत 230 निजी अस्पतालों सहित 800 अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है।

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